CAG Report Madhya Pradesh: नियंत्रक एवं महालेखाकार (सीएजी) ने मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार के दौरान हुई वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा किया है. कैग का कहना है कि कई प्रोजेक्ट्स में भारी गड़बड़ियों के कारण राज्य को 8017 करोड़ रुपये की चपत लगी है.
भोपाल. नियंत्रक एवं महालेखाकार (सीएजी) की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में भारी वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं. गुरुवार देर शाम जारी हुई सीएजी रिपोर्ट में कहा गया कि पूर्ववर्ती शिवराज सिंह सरकार के दौरान राज्य में गड़बड़ियां मिली हैं. इस पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. रिपोर्ट में साल 2012 से 31 मार्च 2017 के बीच सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा पेश किया गया है, जिसके मुताबिक गड़बड़ियों के कारण राज्य को 8017 करोड़ रुपये की चपत लगी है. इस रिपोर्ट को गुरुवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में पेश किया गया.
सीएजी रिपोर्ट की समीक्षा मध्य प्रदेश विधानसभा की पब्लिक अकाउंट्स कमिटी करती है, जिसका आमतौर पर अध्यक्ष विपक्षी पार्टी का विधायक होता है. रिपोर्ट के मुताबिक पेंच प्रोजेक्ट में 376 करोड़ रुपये की अनियमितता सामने आई है. जल संसाधन विभाग के अफसरों ने मध्य प्रदेश वर्क्स डिपार्टमेंट के प्रावधानों का उल्लंघन किया. तकनीकी आवंटन बिना किसी सर्वे या जांच के जरिए दिया गया, जिसके कारण परियोजना की बढ़ी हुई कीमत का अनुमान लगाया गया.
बिना माप किए ही ठेकेदारों को भुगतान किया गया. आंतरिक नियंत्रण और काम की मॉनिटरिंग भी नहीं की गई. इन सब अनियमितताओं के बावजूद रिपोर्ट में कहा गया कि प्रोजेक्ट के तहत सिंचाई क्षमता सिर्फ 30 हजार हेक्टेयर की थी, लेकिन जबकि इसे 85000 हेक्टेयर का दिखाया गया. कॉन्ट्रैक्टटर्स को अतिरिक्त समय दिया गया और उन पर 41.35 करोड़ रुपये की पेनाल्टी भी नहीं लगाई गई. कैग रिपोर्ट के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र में 1224 करोड़ रुपये, छात्रावास संचालन में 147 करोड़ रुपये की गड़बड़ी हुई है. वहीं वाटर टैक्स में 6270 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इन गड़बड़ियों और नुकसान के कारण मध्य प्रदेश को 8017 करोड़ रुपये की चपत लगी है.