किस नाम से जानी जाएगी देश की पहली वंदे भारत मेट्रो, भुज-अहमदाबाद के बीच दौड़ने की तैयारी

गांधी नगर: गुजरात में भुज से अहमदाबाद के बीच दौड़ने वाली वंदे मेट्रो का नाम उद्घाटन से कुछ घंटे पहले बदलकर “नमो भारत रैपिड रेल” कर दिया गया है। इस महत्वपूर्ण जानकारी की पुष्टि रेलवे के प्रवक्ता ने सोमवार को की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रैपिड रेल सेवा का वर्चुअल उद्घाटन सोमवार को शाम 4:15 […]

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किस नाम से जानी जाएगी देश की पहली वंदे भारत मेट्रो, भुज-अहमदाबाद के बीच दौड़ने की तैयारी

Yashika Jandwani

  • September 16, 2024 4:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

गांधी नगर: गुजरात में भुज से अहमदाबाद के बीच दौड़ने वाली वंदे मेट्रो का नाम उद्घाटन से कुछ घंटे पहले बदलकर “नमो भारत रैपिड रेल” कर दिया गया है। इस महत्वपूर्ण जानकारी की पुष्टि रेलवे के प्रवक्ता ने सोमवार को की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रैपिड रेल सेवा का वर्चुअल उद्घाटन सोमवार को शाम 4:15 पर कर दिया है।

कुल नौ स्टेशनों पर रुकेगी

यह ट्रेन भुज और अहमदाबाद के बीच 359 किलोमीटर की दूरी को 5 घंटे 45 मिनट में तय करेगी, जिसमें यह ट्रेन कुल नौ स्टेशनों पर रुकेगी। इस रैपिड रेल सेवा का मुख्य उद्देश्य इंटरसिटी कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। ट्रेन की नियमित सेवा 17 सितंबर से आम जनता के लिए उपलब्ध होगी और अहमदाबाद से भुज के बीच यात्रा का कुल किराया 455 रुपये तय किया गया है।

“नमो भारत रैपिड रेल”

रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि वंदे मेट्रो को “नमो भारत रैपिड रेल” के नाम से पुकारने का निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य इसे अन्य मेट्रो सेवाओं से अलग पहचान देना है, क्योंकि यह सिर्फ शहरी इलाकों के भीतर ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सेवा अहमदाबाद को आस-पास के शहरों से जोड़ेगी। वहीं बाकी की मेट्रो ट्रेनें मुख्य रूप से छोटी दूरी की यात्रा करती हैं, जबकि नमो भारत रैपिड रेल का फोकस लंबी दूरी और शहरों के बीच तेज यात्रा की सुविधा प्रदान करना है।

1150 यात्रियों के बैठने की क्षमता

इस रैपिड रेल में कुल 12 कोच होंगे, जिसमें 1150 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी। यह ट्रेन कई नई तकनीकों से लैस होगी, जो इसे अन्य मेट्रो सेवाओं से अलग बनाती है। ट्रेन का डिजाइन यात्रियों की सुविधा और तेज यात्रा के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इस नई रेल सेवा से अहमदाबाद और उसके आसपास के शहरों के बीच यात्रा आसान और तेज हो जाएगी, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा।

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