राज्य

By elections 2022: खत्म हुआ सात सीटों का उपचुनाव, जानें वोट प्रतिशत

नई दिल्ली. आज देश की सात सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें बिहार के मोकामा और गोपालगंज, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ सीट, हरियाणा की आदमपुर सीट, महाराष्ट्र की अँधेरी ईस्ट सीट, ओडिशा की धामनगर सीट और तेलंगाना की मुनुगोड़े सीट.

वोट प्रतिशत

गोपालगंज (बिहार) उपचुनाव- 48.35 प्रतिशत
मोकामा (बिहार) उपचुनाव- 52.47 प्रतिशत
आदमपुर (हरियाणा) उपचुनाव- 75.25 प्रतिशत
अंधेरी ईस्ट (महाराष्ट्र) उपचुनाव- 31.74 प्रतिशत
धामनगर (ओडिशा) उपचुनाव- 66.63 प्रतिशत
गोला गोकर्णनाथ (यूपी)उपचुनाव- 55.68 प्रतिशत
मुनुगोड़े (तेलंगाना) उपचुनाव- 77.55% प्रतिशत

आइए आपको इन सीटों के बारे में बताते हैं-

गोपालगंज

अगर गोपालगंज सीट के पिछले छह विधानसभा चुनाव के परिणामों की ओर नज़र डालें तो साल 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी सुभाष सिंह ने 77 हज़ार 791 वोट हासिल कर यहाँ भाजपा का परचम लहराया था, जबकि बसपा प्रत्याशी अनिरुद्ध प्रसाद (साधु यादव) 41 हज़ार 39 वोटों से दूसरे नंबर पर रहे थे वहीं अगर तीसरे नंबर की बात करें तो इसपर कांग्रेस प्रत्याशी आसिफ गफूर 36 हज़ार 460 वोटों के साथ थे. इसी तरह अब अगर 2015 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो तब भी भाजपा प्रत्याशी सुभाष सिंह ने 78 हज़ार 491 वोटो हासिल कर भाजपा की जीत सुनिश्चित की थी. वहीं राजद प्रत्याशी रेयाजुल हक (राजू) 73 हज़ार 417 वोटों से दूसरे नंबर पर थे, उस समय आरजेडी और भाजपा प्रत्याशी में वोट का बहुत कम फासला था. इसी कड़ी में तब बसपा प्रत्याशी जय हिंद प्रसाद 3 हज़ार 665 वोटों से तीसरे नंबर पर थे, इसी तरह साल 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुभाष सिंह ने 58 हज़ार 10 वोटों के साथ जीत हासिल की थी, और तब कांग्रेस प्रत्याशी अनिरुद्ध प्रसाद (साधु यादव) 8 हज़ार 488 वोटों से दूसरे नंबर पर रहे थे.
2005 में एक बार फिर चुनावी रणभेरी बजी और इस बार नीतीश कुमार को बढ़त मिली, यहाँ तक कि अकेले दम पर चुनाव लड़ने वाले पासवान को भी मुंह की खानी पड़ी, क्योंकि पासवान की पार्टी इस चुनाव में अकेले दम पर (कुछ जगहों पर सीपीआई के साथ समझौता) सबसे ज्यादा 203 सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन मात्र 10 सीटें ही जीत पाई, उनका मुस्लिम दांव पूरी तरह विफल हुआ, वहीं लालू को तो नुकसान हुआ ही. इसी कड़ी में गोपालगंज सीट भी उनके हाथ से चली गई.

मोकामा

मोकामा विधानसभा का उप चुनाव भी दो बहबालियों की बीवियों के बीच है दोनों में कांटे की टक्कर है ऐसे में इलाके में तनातनी का माहौल बना हुआ है. मौजूदा समय में कुछ ऐसी चुनावी स्थिति बन गई है कि मुख्य मुकाबला महागंठबंधन की तरफ से ताल ठोक रहीं चार बार विधायक रहे अनंत सिंह की बीवी नीलम देवी हैं तो दूसरी तरफ बाहुबली ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी हैं, बता दें ललन सिंह भी मोकामा विधानसभा से कई बार अनंत सिंह से टकरा कर हार का सामना कर चुके हैं और अब यही बात नीलम देवी के प्लस में जा रही है. ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी के हक में एक बात यह है कि इस बार भाजपा की उम्मीदवार हैं और हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद मोकामा की ये लड़ाई इस समय साख की लड़ाई है, ऐसे में भाजपा गोपालगंज और मोकामा सीट को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. गौरतलब है, हाल ही में लोकजनशक्ति पार्टी नेता चिराग पासवान ने भी ऐलान कर दिया था कि वो इन दोनों सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा की तरफ से प्रचार करेंगे. जबकि नीतीश बाबू पहले ही चुनाव प्रचार से पलड़ा झाड़ चुके हैं, दरअसल सुशासन बाबू ने अपनी चोट का हवाला देते हुए इस चुनाव प्रचार से दूरी बनाई है.

आदमपुर

आदमपुर विधानसभा सीट का इतिहास बड़ा रोचक रहा है, इस सीट पर साल 1967 से लेकर 2019 तक कुल 13 सामान्य जबकि तीन उपचुनाव हुए हैं, यहां 11 बार कांग्रेस को जीत मिली है जबकि 4 बार हजकां के विधायक चुने गए है वहीं एक बार इस सीट पर जनता पार्टी का कब्ज़ा रहा है.
साल 2000 में इस सीट पर हुए चुनाव में भाजपा ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, इस चुनाव में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष गणेशी लाल ने 19 फीसदी वोट हासिल कर अपनी जमानत राशि बचा ली थी, उस समय भाजपा ने इनेलो के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, तभी 2019 में सोनाली फोगाट ने बढ़िया प्रदर्शन करते हुए 27.28 प्रतिशत वोट हासिल किए थे लेकिन जीत नहीं पाई थी. भाजपा ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौधरी भजनलाल के गढ़ आदमपुर में पहली बार कमल खिलाने के लिए उनकी तीसरी पीढ़ी पर दांव चला है, दरअसल, यहाँ कि सियासी बंजर ज़मीन पर भव्य जीत की आस में भाजपा ने उपचुनाव के लिए कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को टिकट दिया है, अगर भव्य बिश्नोई यहाँ से चुनाव जीत जाते हैं तो भाजपा पहली बार इस सियासी बंजर ज़मीन पर कमल खिला पाएगी.

गोला गोकर्णनाथ

साल 2012 में गोला गोकर्णनाथ सीट अस्तित्व में आई थी और तब यहाँ पहली बार चुनाव हुआ था, क्षेत्र में पहले विधानसभा चुनाव के दौरान विनय तिवारी ने इस निर्वाचन क्षेत्र से पहले विधायक होने का श्रेय हासिल किया, इस चुनाव में विनय तिवारी ने अपनी करीबी प्रतिद्वंद्वी बसपा की सिम्मी बानो को 19,329 मतों के अंतर से हराया था, उस समय कांग्रेस के टिकट पर अरविंद गिरि ने चुनाव लड़ा था और तब वह तीसरे स्थान पर थे.
साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद गिरि कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गए और मोदी-लहर और अपने जमीनी समर्थन के बल पर उन्होंने सपा उम्मीदवार विनय तिवारी को 55,017 मतों के प्रचंड अंतर से हराया, उन्होंने उसी विनय तिवारी को हराया जिनसे वो एक बार करारी शिकस्त पा चुके थे. गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र में पिछले 2022 के चुनाव में भाजपा ने अपनी ये सीट बरकरार रखी और अरविंद गिरि ने फिर से जीत हासिल की थी.

अँधेरी

अंधेरी ईस्ट विधानसभा से साल 2009 में कांग्रेस के सुरेश शेट्टी हिरियन्न यहाँ से जीते थे, उन्होंने यहां शिवसेना के रमेश कोंडीराम को तकरीबन 6000 वोटों से करारी शिकस्त दी थी, इसे बाद साल 2014 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के रमेश लटके ने यहाँ से जीत हासिल की थी और भाजपा के सुनील ललनप्रसाद यादव को हराया था, फिर साल 2019 के विधानसभा चुनाव में यहाँ से रमेश लटके ने यहाँ से जीत हासिल की थी.
साल 2014 में शिवसेना के रमेश लटके ने जीत हासिल की थी उस समय उन्‍हें 52 हजार 817 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्‍थान पर रहे भाजपा के सुनील ललनप्रसाद यादव को 47 हजार 338 वोट ही मिल पाए थे, दोनों में वोटों का ज्यादा फासला नहीं था, दोनों में जीत का अंतर 5 हजार 479 वोटों का था. साल 2009 में ये सीट कांग्रेस के खेमे में थी उस समय सुरेश शेट्टी हिरियन्न चुनाव जीते थे. उन्होंने यहां शिवसेना के रमेश लटके को करीब 6000 वोटों से हराया था, उस वक्‍त हार का अंतर सिर्फ 5 हजार 153 वोटों का था.

मुनूगोडे सीट

तेलंगाना की मुनूगोडे सीट इस समय सुर्ख़ियों में बनी हुई है, टीआरएस ने हाल में पार्टी का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) किया है जिसका उद्देश्य खुद को राष्ट्रीय राजनीति में पूरी तरह स्थापित करना है. वहीं, भाजपा खुद को राज्य में टीआरएस के विकल्प के तौर पर पेश करने की योजना पर काम कर रही है और मुनूगोडे सीट पर जीतने पर उसे और बल मिलेगा ऐसे में इस उपचुनाव में 47 उम्मीदवार मैदान में है लेकिन जो मुख्य मुकाबला है वो राजगोपाल रेड्डी, टीआरएस के पूर्व विधायक कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी और कांग्रेस की पी श्रवंती के बीच देखने को मिल रहा है.

 

इस फार्मूले से गुजरात पर 27 साल से राज कर रही है बीजेपी, लगातार 6 चुनावों में मिली है बंपर जीत

Delhi Metro में सफर करने वालों के लिए खुशखबरी, कुछ सेकेंड में डाउनलोड होगी घंटों की HD मूवी

Aanchal Pandey

Recent Posts

यहूदियों -हिन्दुओं ने एक साथ लगाए जय श्री राम के नारे, कांप उठे विरोधी

कनाडा में हाल के दिनों में यहूदी समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में इजाफा…

1 minute ago

अब होगा संसद धक्का कांड का खुलासा! दिल्ली पुलिस ने स्पीकर से मांगी CCTV फुटेज की जांच करने की इजाजत

बताया जा रहा है कि पुलिस ने पूरे संसद धक्का कांड की जांच के लिए…

2 minutes ago

HTS प्रमुख अबु जुलानी को अमेरिका क्यों नहीं चाहता पकड़ना, सर्वे में बाइडन सरकार पर बरसे लोग

अमेरिकी राजनयिक बारबरा लीफ ने कह कि सीरिया के नए नेता और हयात तहरीर अल-शाम…

19 minutes ago

मस्जिदों और मंदिरों पर उठने लगा है सवाल, बाबा रामदेव का भी खौला खून, कह दी ऐसी बात…

बाबा रामदेव ने कहा कि यह उनका खुद का बयान है और कई संत भी…

36 minutes ago

विनोद कांबली की तबीयत अचानक बिगड़ी, हॉस्पिटल में हुए भर्ती

टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी विनोद कांबली की तबियत एक बार फिर से बिगड़ गई…

44 minutes ago

आलिया भट्ट के साथ बड़े पर्दे दिखेगा Orry, संजय लीला भंसाली की इस फिल्म में आएंगे नज़र

संजय लीला भंसाली की मचअवेटेड फिल्म 'लव एंड वॉर' की कास्टिंग हर दिन और रोमांचक…

54 minutes ago