बुलंदशहर. उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बुलंदशहर हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की मौत पर चुप्पी तोड़ दी है. उन्होंने सुबोध सिंह की मौत के चार दिन बाद इसे केवल एक हादसा करार दिया है. सोमवार को सुबोध सिंह की सिर में गोली लगने से मौत हो गई थी. पुलिस के मुताबिक गोकशी की अफवाह के बाद भड़की भीड़ ने पुलिस को घायल सुबोध सिंह को अस्पताल ले जाने से भी रोका. सुबोध सिंह की मृत्यु अस्पताल जाने से पहले ही हो गई थी.
पुलिस ने इस घटना में 90 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है जिसमें से 27 नामजद हैं. आरोपियों में भाजपा युवा मोर्चा, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी शामिल हैं. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये उत्तर प्रदेश में मॉब लिंचिंग यानि भीड़ द्वारा की गई हत्या नहीं बल्कि केवल एक हादसा है. उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में शामिल लोगों को सजा दी जाएगी किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. बता दें कि पहले ही हिंसा पर योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया पर लोगों ने आपत्ति जताई थी.
दरअसल हिंसा के बाद मुख्यमंत्री तेलंगाना और राजस्थान में रैली कर रहे थे, फिर उन्होंने गोरखपुर में लेसर शो में भाग लिया और इन सबके बाद उन्होंने हादसे की समीक्षा करने के लिए बैठक बुलाई. उन्होंने बैठक में पुलिस वालों को पहले गोकशी की जांच करने के आदेश दिए. उन्होंने लोगों सुबोध सिंह की मौत के तीन दिन बाद उनके परिवार वालों से मुलाकात की. अब मुख्यमंत्री का बयान जांच कर रहे अधिकारियों के विपरीत है. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि ये हिंसा एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी. इस हिंसा का बुलंदशहर में हो रही इज्तेमा के साथ टकराना संयोग नहीं था.
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