बेंगलुरू : केंद्रीय चुनाव आयोग ने कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है. कर्नाटक में 224 सीटों पर एक चरण में मतदान 10 मई को होगा और इसका परिणाम 13 मई को आएगा. मौजूदा समय में बीजेपी की सरकार है. कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई लिंगायत समुदाय से आते है. बीजेपी के बी […]
बेंगलुरू : केंद्रीय चुनाव आयोग ने कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है. कर्नाटक में 224 सीटों पर एक चरण में मतदान 10 मई को होगा और इसका परिणाम 13 मई को आएगा. मौजूदा समय में बीजेपी की सरकार है. कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई लिंगायत समुदाय से आते है. बीजेपी के बी एस येदुरप्पा भी लिंगायत समुदाय से आते है.
1. कर्नाटक राज्य की स्थापना 1 नवंबर 1956 में हुई थी. जब कर्नाटक की स्थापना हुई थी तब इसका नाम मैसूर था. 1973 में मैसूर नाम बदलकर कर्नाटक किया गया.
2. भारत के स्वंतत्रता संर्घष में कित्तूर राज्य की रानी चेनम्मा का बहुत बड़ा योगदान है. रानी चेनम्मा ने अंग्रेजों के हड़प नीति के विरुद्ध संर्घष किया था जिसमें वह वीरगति को प्राप्त हुई थी.
3. गणतंत्र दिवस पर फहराए जाने वाले खादी के झंडे का कर्नाटक से बहुत बड़ा संबंध है. देश में तिरंगे झंडे बनाने वाली एक मात्र संस्था हुबली में बेंगरी में कर्नाटक खादी ग्रामोद्दोय संयुक्त संघ है.
4. मैसूर में पहला साप्ताहिक समाचार 1859 में शुरू हुआ था जो कन्नड़ भाषा में था.
5. कर्नाटक के एमवी गोपालस्वामी ने देश का पहला प्राइवेट रेडियो ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन 1935 में शुरू किया था.
6. आगरा के ताजमहल के बाद कर्नाटक के सबसे मशहूर मैसूर पैलेस को 1912 में कृष्णराजा वाडियार IV ने बनाया था जिसको देखने के लिए लोग आते है.
कर्नाटक का बीते 38 सालों का इतिहास रहा है कि कोई भी सत्ताधारी पार्टी सत्ता में वापसी नहीं की है.अगर यहां पर कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनती है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. 1985 के विधानसभा चुनाव के बाद से कर्नाटक में कोई भी सत्ताधारी पार्टी दोबारा सत्ता में वापसी नहीं कर पाई है.
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