उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को मिली हार के बाद मायावती ने कहा कि अगर वह अखिलेश यादव की जगह होती तो समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार के बजाय बसपा प्रत्याशी को जिताने की कोशिश करती. मायावती ने कहा, 'मैं साफ कर देना चाहती हूं कि सपा-बसपा का मेल अटूट है. बीजेपी का मकसद सिर्फ सपा-बसपा की दोस्ती को तोड़ना है. कांग्रेस पार्टी के साथ हमारे पुराने संबंध हैं.'
लखनऊ: राज्यसभा चुनाव में मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर बसपा और समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग करने के चलते नहीं जीत पाए. चुनाव के बाद बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि उन्हें सपा और कांग्रेस से कोई शिकायत नहीं है बल्कि बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए सरकारी तंत्र का गलत इस्तेमाल किया और एक दलित को जीतने नहीं दिया. शनिवार शाम बसपा सुप्रीमो मायावती खुद मीडिया से सामने आई और इशारों ही इशारों में उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को काफी कुछ संदेश दे दिया. मायावती ने कहा कि अगर वह अखिलेश की जगह होती तो सपा उम्मीदवार के बजाय बसपा प्रत्याशी को जिताने की कोशिश करती.
मायावती ने कहा, ‘मैं साफ कर देना चाहती हूं कि सपा-बसपा का मेल अटूट है. बीजेपी का मकसद सिर्फ सपा-बसपा की दोस्ती को तोड़ना है. कांग्रेस पार्टी के साथ हमारे पुराने संबंध हैं.’ अखिलेश यादव के बारे में बोलते हुए मायावती ने कहा, ‘सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अभी राजनीति में थोड़ा कम तजुर्बेकार हैं. अगर मैं उनकी जगह पर होती तो अपने उम्मीदवार के बजाय बसपा उम्मीदवार को जिताने की हर संभव कोशिश करती. अखिलेश बहुत समझदार हैं. उन्हें पता चल गया होगा कि धोखा हुआ है. अखिलेश यादव ने राजा भैया पर भरोसा करने की गलती कर दी.’ मायावती के कहने का मतलब साफ था कि अखिलेश को जया बच्चन को जिताने के बजाय बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को जिताना चाहिए था.
बताते चलें कि शुक्रवार को यूपी में 10 राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में 9 सीटें बीजेपी के खाते में गई और 1 सीट पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा जमाया. संख्याबल के आधार पर बीजेपी 8 और 1 सीट सपा जीत रही थी. सारा खेल 10वीं सीट के लिए खेला जा रहा था. बसपा ने अपना कैंडिडेट उतारा. उन्हें सपा का समर्थन प्राप्त था. बीजेपी ने निर्दलीय प्रत्याशी अनिल अग्रवाल को समर्थन देने का फैसला किया. बसपा और सपा विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की वजह से बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर हार गए और बीजेपी समर्थित अनिल अग्रवाल ने 10वीं सीट पर जीत दर्ज की. माना जा रहा था कि इससे सपा-बसपा के गठबंधन में दरार पैदा होगी लेकिन शनिवार शाम मायावती ने खुद सामने आकर कहा कि दोनों पार्टियों का गठबंधन अटूट है. बीजेपी दोनों के बीच दूरियां पैदा करना चाहती है लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाएगी.
राज्यसभा चुनाव में मायावती के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार, कहा- हार से बौखला गई हैं बसपा प्रमुख