BSP Supremo Mayawati on Mahagathbandhan: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने साफ कर दिया है कि महागठबंधन में उनकी पार्टी सीटों के लिए भीख नहीं मांगेगी. 'सम्मानजनक सीटें' पार्टी की शर्त है और ऐसा न होने की दशा पर बीएसपी अपने दम पर चुनाव लड़ सकती है.
लखनऊः BSP Supremo Mayawati on Mahagathbandhan: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने एक बार फिर अपने तेवर दिखाए हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि बसपा ने चुनावी गठबंधन के लिए सम्मानजनक सीटें मिलने की शर्त रखी थी. पार्टी सीटों के बंटवारे के लिए भीख नहीं मांगेगी. सम्मानजनक सीटें न मिलने पर बसपा अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी. यह सब बातें मायावती ने मंगलवार को बीएसपी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि के मौके पर कही.
मायावती ने बीएसपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दलित, अल्पसंख्यक और सवर्ण समाज के गरीबों की बदहाली के लिए बीजेपी और कांग्रेस बराबर की जिम्मेदार हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने की वजहों का खुलासा करते हुए मायावती ने कहा कि इसके पीछे सम्मानजनक सीटें न मिलना ही एकमात्र वजह है. मायावती ने कहा, ‘वैसे तो बीजेपी और कांग्रेस से इन वर्गों (दलित, अल्पसंख्यक और सवर्ण समाज के गरीबों) के हितों और सम्मान की उम्मीद भी नहीं है लेकिन हम इनका अपमान भी बर्दाश्त नहीं कर सकते. यही वजह है कि चुनावी गठबंधनों के लिए बसपा ने सम्मानजनक सीटें मिलने की एकमात्र शर्त रखी थी. इसका मतलब साफ है कि महागठबंधन में बसपा सीटों के लिए भीख नहीं मांगेगी.’
मायावती ने आगे कहा ‘हम जानते हैं कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां बहुजन समाज और सवर्ण समाज के गरीबों की हितैषी नहीं हैं. अगर वह हितैषी होतीं तो आज इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और शैक्षणिक हालत इतनी दयनीय नहीं होती. हालत पिछले 70 वर्षों में काफी सुधर गई होती और समाज में इनकी समुचित भागीदारी होती. इन पार्टियों मे बीएसपी को कमजोर करने का काम किया है.’ एससी-एसटी कानून पर बोलते हुए मायावती ने कहा कि बसपा हरगिज नहीं चाहती है कि किसी भी कानून का सरकारी मशीनरी द्वारा दुरुपयोग हो. बसपा सरकार ने यूपी में इसे साबित करके भी दिखाया है. यूपी में मौजूदा बीजेपी सरकार दलितों पर अत्याचार कर रही है और ऐसा करने वालों का साथ दे रही है. हर हाल में इससे मुक्ति पाना जरूरी है.