दूल्हे का दुल्हन के घर बारात लेकर जाना तो आपने हमेशा देखा होगा लेकिन क्या कभी सुना है कि दुल्हन बग्गी पर सवार होकर बैंड बाजे के साथ दूल्हे के दरवाजे पर बारात लेकर पहुंची. वाराणसी के एक गांव में हुई इस शादी का उद्देश्य यह संदेश देना है कि लड़का हो या लड़की दोनों एक बराबर हैं.
वाराणसीः दूल्हे का दुल्हन के घर बारात लेकर जाना आम बात है, लेकिन उत्तर प्रदेश के वाराणसी के नएपुर गांव एक अनोखी शादी का गवाह बना. यहां दुल्हन घोड़े की बग्गी पर सवार हो बैंड बाजे के साथ दूल्हे के घर बारात लेकर पहुंची. दुल्हन के ससुराल वालों ने भी उसका स्वागत रीति-रिवाज के साथ किया व दुल्हन की आरती उतारी.
दुल्हन के दूल्हे के घर बारात ले जाने का आइडिया खुद दूल्हे के पिता डॉ. डीएल कश्यप का था जो कि समाज में फैले लिंग भेद की खाई को पाटना चाहते हैं. उनका कहना है कि आज के समय में जब महिलाएं भी हर सेक्टर में बढ़िया काम कर रही हैं फिर भी उन्हें बोझ समझा जाता है. गांव में यह अनोखी शादी रविवार को हुई जो चर्चा का विषय बनी रही.
डॉ. कश्यप ने कहा कि मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि लड़कियां भी लड़के के घर बारात लेकर जा सकती हैं. जब मैंने यह आइडिया दुल्हन के घरवालों को बताया तो वह बिना कुछ बोले इसके लिए राजी हो गए. हमारे लिए दुल्हन घर की लक्ष्मी होती है इसलिए हमने उसका स्वागत आरती उतार कर किया. अनोखी शादी के बारे में बात करते हुए दुल्हन ने कहा कि मेरे ससुर की इच्छा थी कि शादी इस तरीके से हो और मैं खुश हूं कि मुझे इतना सम्मान करने वाला परिवार मिला है. वहीं दूल्हा राजा ठाकुर का कहना है कि मैं भी शादी से खुश हूं, ये एक अनोखी शादी थी. इसका संदेश साफ है कि लड़का और लड़की बराबर हैं.
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