सीधी: बीते दिन मध्य प्रदेश में हुए सीधी पेशाबकांड से पूरे प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. जिस आदिवासी मजदूर दशमत रावत के चेहरे पर कथित रूप से पेशाब किया गया था खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उसे बुलाकर उसके पैर धोए और उससे माफ़ी मांगी. दूसरी ओर आरोपी प्रवेश शुक्ला पर हो रही कार्रवाई को लेकर ब्राह्मण समाज में नाराज़गी देखी जा रही है.
मध्यप्रदेश के सीधी मामले में मचे घमासान से चुनावी मौसम की गर्मी बढ़ गई है. मानसून के महीने में भी प्रदेश का सियासी पारा हाई दिखाई दे रहा है. लिहाजा राजनीतिक दलों के समाने हर समाज को साधने की चुनौती भी है. दशमत के साथ हुई बद्सलूकी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माफ़ी मांग ली लेकिन दूसरी ओर ब्राह्मण समाज नाराज़ हो गया. एक ओर आदिवासी समाज को ये संदेश गया कि सरकार आदिवासी वर्ग के पैर धोती है तो दूसरी ओर ब्राह्मण समाज से आने वाले मामले के आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर पर बुलडोज़र की कार्रवाई देखने को मिली.
इस कार्रवाई को भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने गलत करार दिया है. उन्होंने कहा है कि प्रवेश शुक्ला को सजा मिल रही है लेकिन उनका घर नहीं तोड़ना चाहिए थे. इससे ब्राह्मण समाज नाराज़ है जो बार-बार प्रवेश शुक्ल के खिलाफ हुई कार्रवाई को गलत करार दे रहा है.
इतना ही नहीं ब्राह्मण समाज ने प्रवेश शुक्ला का घर बनाने के लिए पहल भी कर दी है. अब तक प्रवेश शुक्ला के घर को पुनर्स्थापित करने के लिए 10 लाख रुपए की रकम इकट्ठा कर ली गई है. अब देखना ये है कि प्रदेश में कुछ महीनों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव पर ब्राह्मण बनाम आदिवासी के वोट बैंक का असर कितना गहरा रहेगा.
करीब एक सप्ताह पहले मध्य प्रदेश से एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के साथ अमानवीय व्यवहार करता दिखाई दे रहा था. इस वीडियो में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के चेहरे पर पेशाब करता दिखाई दिया था जिसकी पहचान प्रवेश शुक्ला के तौर पर हुई है. वहीं वीडियो में दिखाई देने वाला पीड़ित आदिवासी समाज से है. कुबरी निवासी प्रवेश शुक्ला को कांग्रेस ने भाजपा का नेता बताया है जिसके नाम से जुड़ा एक पर्चा भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
इस पर्चे में प्रवेश शुक्ला का नाम भाजपा के युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष के तौर पर दिखाई दे रहा है. प्रवेश शुक्ला स्थानीय भाजपा विधायक केदार शुक्ला का प्रतिनिधि भी है हालांकि भाजपा विधायक ने इस बात से इंकार किया है लेकिन वह भी अब इस पूरे मामले से घिर गए हैं. प्रवेश शुक्ला के पिता पेशे से किसान हैं जो उपसरपंच रह चुके हैं.