जयपुर: राजस्थान के जैसलमेर स्थित पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में शुक्रवार को बीएसएफ की फायरिंग एक्सरसाइज के दौरान बड़ा हादसा हो गया है। बता दें, फायरिंग अभ्यास के दौरान एक 51 मिलिमीटर मोर्टार बम अचानक फट गया, जिससे तीन ट्रेनी जवान घायल हो गए। राहत की बात यह है कि तीनों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। हादसे के बाद सेना की ओर से अधिक जानकारी साझा नहीं की गई है।
यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में फायरिंग रेंज में ऐसा हादसा हुआ हो। 2016 और 2017 में भी किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में इसी तरह के मोर्टार विस्फोट हुए थे, जिनमें कई जवान घायल हुए थे। 2017 में दो बार मोर्टार फटने की घटनाएं हुई थीं, जिनमें कुल 9 जवान जख्मी हुए थे। 2016 में तीन बार मोर्टार फटने से भी सेना के जवान घायल हुए थे। इससे पहले 2012 में भी इसी तरह के हादसे में चार जवानों को चोटें आई थीं।
51 मिलिमीटर का मोर्टार बम सबसे पहले 1988 में ब्रिटिश सेना द्वारा इस्तेमाल किया गया था। यह मोर्टार हल्का होने के कारण कहीं भी ले जाया जा सकता है, जिससे इसे कई देशों की सेनाओं में अपनाया गया। 2007 तक इसका इस्तेमाल ब्रिटेन में किया गया था, जिसके बाद इसे सेना से हटा दिया गया। इस मोर्टार के लॉन्चर का वजन 6.25 किलोग्राम होता है और इसकी बैरल की लंबाई 28 इंच होती है। इस मोर्टार की मारक क्षमता 750 मीटर तक होती है और एक मिनट में अधिकतम 8 बम दागे जा सकते हैं।
इस मोर्टार से तीन प्रकार के बम दागे जा सकते हैं। पहला 800 ग्राम का इल्यूमिनेशन बम, जो रात में रोशनी पैदा करता है। दूसरा 900 ग्राम का स्मोक बम, जो दिन में दागने पर चारों ओर धुआं फैला देता है। तीसरा 920 ग्राम का हाई-एक्सप्लोसिव बम, जिसमें सैनिकों की पूरी टुकड़ी को घायल करने की क्षमता होती है।
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