मुंबई: महाराष्ट्र के मुंबई में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है। इसमें बृह्नमुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) के एक अधिकारी ने 60 हजार रुपये की घूस ली और जब उसे एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम के छापे का पता चला, तो उसने पूरी रकम टॉयलेट में जाकर फ्लश कर दी। हालांकि, एसीबी की टीम ने तत्परता दिखाते हुए गटर खोलकर अधिकांश रकम बरामद कर ली।
यह मामला मुंबई के दहिसर इलाके का है, जहां एसीबी की टीम ने करीब 20 गटरों की तलाशी ली। शुरुआत में तो लोगों को यह समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है, लेकिन बाद में पता चला कि यह कार्रवाई घूस की रकम को ढूंढने के लिए की जा रही है। दरअसल, बीएमसी के सीनियर फायर ऑफिसर प्रह्लाद शितोले ने एक व्यक्ति से घूस ली थी। जब एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ने की कोशिश की, तो उसने घूस की रकम टॉयलेट में बहा दी।
एसीबी को यह जानकारी एक कंपनी के कर्मचारी ने दी थी। इस दौरान उसने बताया कि बोरीवली स्थित एक रेस्तरां ने उसकी कंपनी को पीएनजी कनेक्शन लगवाने के लिए हायर किया था। इसके लिए एनओसी की जरूरत थी, जिसके लिए उसने बीएमसी के फायर ब्रिगेड पोर्टल पर अप्लाई किया था। इसके बाद, शिकायतकर्ता ने शितोले से मुलाकात की। वहीं शितोले ने एनओसी जारी करने के बदले 1.30 लाख रुपये की मांग की। जब शिकायतकर्ता ने इतनी बड़ी रकम देने से इंकार किया, तो शितोले ने 80 हजार रुपये की मांग रख दी, लेकिन बात नहीं बनी। आखिर में उसने 50 हजार रुपये की घूस मांगी, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने एसीबी से संपर्क किया।
एसीबी ने जांच के बाद शिकायत को सही पाया और शितोले को 60 हजार रुपये घूस का ऑफर देने प्लान बनाया। 30 अगस्त को, शिकायतकर्ता ने 60 हजार रुपये शितोले को दिए, जिसे उसने टॉयलेट में फ्लश कर दिया। एसीबी की टीम ने 20 गटर खंगालने के बाद 57 हजार रुपये बरामद किए, जबकि बाकी 3 हजार रुपये का पता नहीं चला। इस मामले में एसीबी ने शितोले को हिरासत में ले लिया और उसकी शर्ट, बाथरूम के लॉक और मेन डोर से भी सबूत जुटाए।
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