लखनऊ: लोक सभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा को झटका लगता हुआ दिखाई दे रहा है।संभावना यह जताई जा रही थी की आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भाजपा के साथ आ सकते है। उतर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने यह बयान दिया था की वे जयंत चौधरी को साथ लाने के लिए तैयार है।
विपक्षी दलों के बैठक के चलते ऐसा माना जा रहा है की भाजपा को कुछ सीटों का नुकसान हो सकता है। जिसमें बिहार, महाराष्ट्र, प. बंगाल ,यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैं।यही कारण है कि भाजपा उन सभी राज्यों में चुनाव में मजबूती से उतरना चाहती है।उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है,लेकिन भाजपा अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए जयंत चौधरी और ओम प्रकाश राजभर को अपने खेमे में लाना चाहते है।
आरएलडी नेताओं का कहना है की पार्टी का बड़ा जनाधार जाटों और मुसलमानों के साथ आने के बाद बनता है और भाजपा की चुनावी रणनीति मुस्लिम विरोध के इर्द-गिर्द बनती है। ऐसे आरएलडी भाजपा के साथ आने का जोखिम नही ले सकती है। ऐसा माना जाता है की जयंत चौधरी का जाटों के बाद सबसे बड़ा समर्थक मुसलमान मतदाता ही हैं। 2014 से लेकर 2022 तक इसी विरोध के दम पर उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के जाटों को अपने साथ लाने में कामयाबी पाई है।
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