बेंगलुरु। कर्नाटक में अप्रैल के पहले विधानसभा चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें , राज्य में बीजेपी ने इस बार स्पष्ट बहुमत का लक्ष्य रखा हुआ है । फरवरी के पहले सप्ताह में हुई पार्टी की स्पेशल एग्जीक्यूटिव मीटिंग में कार्यकर्ताओं को इसके लिए जुट जाने का आदेश दे दिया गया […]
बेंगलुरु। कर्नाटक में अप्रैल के पहले विधानसभा चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें , राज्य में बीजेपी ने इस बार स्पष्ट बहुमत का लक्ष्य रखा हुआ है । फरवरी के पहले सप्ताह में हुई पार्टी की स्पेशल एग्जीक्यूटिव मीटिंग में कार्यकर्ताओं को इसके लिए जुट जाने का आदेश दे दिया गया है । राज्य के लिए बीजेपी ने एक स्पेशल प्लान ‘5 B’ भी तैयार किया है। बीजेपी के लिए इस प्लान के सफल होने पर बहुत सारी चीज़ें टिकी हुईं है ।
कर्नाटक में विधानसभा की कुल 224 सीटें हैं । 2018 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी को कुल 108 सीटें मिली थीं, लेकिन यह संख्या बहुमत के आंकड़े से 9 फीसदी कम थी। इसके बाद 80 सीट जीतने वाली कांग्रेस और 37 सीट पाने वाली जनता दल सेक्युलर (JDS) ने मिलकर सरकार बना ली थी ।
बीजेपी के प्लान 5 बी में उन पांच जिलों पर फोकस करना है जहां पर विधानसभा की कुल 72 सीटें आती हैं। इन पांच जिलों में बेंगलुरु, बेलगाम, बागलकोट, बीदर और बेल्लारी है । साल 2018 में बीजेपी को इन जिलों में केवल 30 सीट पर ही सफलता मिली थी । कांग्रेस ने 37 सीटें झटक ली थीं, जबकि जेडीएस को 5 सीट पर जीत मिली थी। इस बार बीजेपी यहां कोई चूक नहीं करने वाली है और पहले से ही इसके लिए रणनीति तैयार कर रही है ।
शहरी इलाकों में पैठ रखने वाली बीजेपी को 2018 के चुनाव में राजधानी बेंगलुरु में ही काफी बड़ा तगड़ा झटका लगा था । बेंगलुरु जिले में शहरी और ग्रामीण मिलाकर कुल 32 सीटें मौजूद हैं, लेकिन 2018 में बीजेपी को सिर्फ 11 सीटें ही मिलीं पाई थी । ये सभी सीट बेंगलुरु शहर के इलाके से ही मिली थीं । शहरी क्षेत्र में कुल 28 विधानसभा सीटें है ।
बेलगाम जिले में 18 सीटे आती हैं। पिछले चुनाव में बीजेपी को यहां 10 सीटे ही मिल पाई थी । बागलकोट की 7 सीटों में से पार्टी ने 5 सीटे जीत ली थी । बीदर और बेल्लारी में भी पार्टी को तगड़ा नुकसान देखने को मिला था । बीदर की 6 सीटों में से सिर्फ 1 सीट पर ही जीत मिली, जबकि बेल्लारी की 9 में से तीन सीट ही जीती थी । यही वजह है कि बीजेपी इस बार इन इलाकों में कोई कमजोरी नहीं बरतना चाहती है और इस क्षेत्र के लिए विशेष रणनीति बनाकर चुनाव की तैयारी में लग गई है।
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