चुनावी नतीजे आने के बाद पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का शीश महल एक बार फिर से चर्चा में है। जानकारी के मुताबिक पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले की अब गहराई से जांच की जाएगी. इस मामले में वह बुरी तरह फंस सकते हैं.
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का शीश महल फिर से चर्चा में है। जानकारी के मुताबिक पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले की अब जांच की जाएगी। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन यानी CVC ने इसे लेकर 13 फरवरी को जांच के आदेश दिए।
सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ने यह आदेश सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट की रिपोर्ट सामने आने के बाद जारी दिया। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 एकड़ में बने इस बंगले का निर्माण कई नियमों को तोड़कर किया गया है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि बंगले के रेनोवेशन में केजरीवाल ने 45 करोड़ रुपये खर्च किए। भाजपा ने बंगला को शीशमहल नाम दिया। केजरीवाल इस बंगले में 2015 से 2024 तक रह चुके हैं। CBI जांच में यह सामने आया कि केजरीवाल ने सरकारी खजाने से 45 करोड़ रुपए खर्च कर यह बंगला बनाया। इंटीरियर और डेकोरेशन पर 11.30 करोड़ खर्च कर दिए।
अब जब आप सत्ता से जा चुकी है तो सवाल बना हुआ है कि भाजपा के सीएम इसमें रहेंगे या नहीं। रिपोर्ट के मुताबिक BJP के नए सीएम फ्लैगस्टाफ रोड स्थित ‘शीश महल’ बंगले में नहीं रहेंगे। आम आदमी द्वारा बनाये गए सीएम आवास को भाजपा ने ही शीश महल नाम दिया था। आम आदमी पार्टी पर घोटाले का आरोप लगाया था। भाजपा के बड़े नेताओं की माने तो इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा। तो ऐसे में कयास लगने लगे हैं कि भाजपा सरकार शीशमहल को जनता के लिए खोल सकती है।
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