आदमपुर से पांच बार हार चुकी भाजपा क्या इस बार दिखा पाएगी कोई करिश्मा ?

हिसार. हरियाणा के आदमपुर में होने वाला उपचुनाव इस बार खूब चर्चा में है. इस सीट पर भाजपा कभी चुनाव नहीं जीत पाई है, भाजपा के लिए यहाँ की सियासी ज़मीन बंजर है, क्योंकि भाजपा ने इस सीट पर सात बार चुनाव लड़ा है लेकिन सातों बार मुंह की खानी पड़ी है, इतना ही नहीं […]

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आदमपुर से पांच बार हार चुकी भाजपा क्या इस बार दिखा पाएगी कोई करिश्मा ?

Aanchal Pandey

  • November 2, 2022 7:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

हिसार. हरियाणा के आदमपुर में होने वाला उपचुनाव इस बार खूब चर्चा में है. इस सीट पर भाजपा कभी चुनाव नहीं जीत पाई है, भाजपा के लिए यहाँ की सियासी ज़मीन बंजर है, क्योंकि भाजपा ने इस सीट पर सात बार चुनाव लड़ा है लेकिन सातों बार मुंह की खानी पड़ी है, इतना ही नहीं 5 बार तो भाजपा के उम्मदीवार यहाँ अपनी जमानत तक जब्त करवा चुके हैं. साल 2014 में जब भाजपा ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए हरियाणा में 90 में से 47 सीटों पर जीत हासिल की थी तब भी वो आदमपुर की इस बंजर सियासी भूमि पर कमल नहीं खिला पाई थी. इस सीट से कुलदीप बिश्नोई हजकां की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते भी हासिल की थी, भाजपा इस सीट पर कभी मुकाबले में रही ही नहीं है.

साल 2019 में इस सीट से भाजपा की ओर से सोनाली फोगाट ने चुनाव लड़ा था उन्होंने कुलदीप बिश्नोई को यहाँ से करारी टक्कर भी दी थी, लेकिन चुनाव में जीत नहीं हासिल कर पाई थी, हालांकि उन्होंने भाजपा का वोट शेयर बढ़ा दिया था और पहली बार यहाँ से भाजपा को 27. 28 फीसदी वोट मिले थे, सत्ता में रहने के बाद भी भाजपा यहाँ से कभी जीत हासिल नहीं कर पाई है. ऐसे में, इस बार की लड़ाई बहुत ख़ास है, देखना होगा इस बार भाजपा यहाँ से कोई कमाल कर पाती है या फिर वही पुराना इतिहास दोहराती है.

आदमपुर सीट का इतिहास

इस सीट पर 3 नवंबर को होने वाले उपुचनाव के चलते सर्द मौसम में भी हरियाणा की राजनीति गरमा गई है. इस विधानसभा सीट का इतिहास बड़ा रोचक रहा है, इस सीट पर साल 1967 से लेकर 2019 तक कुल 13 सामान्य जबकि तीन उपचुनाव हुए हैं, यहां 11 बार कांग्रेस को जीत मिली है जबकि 4 बार हजकां के विधायक चुने गए है वहीं एक बार इस सीट पर जनता पार्टी का कब्ज़ा रहा है.

साल 2000 में इस सीट पर हुए चुनाव में भाजपा ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, इस चुनाव में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष गणेशी लाल ने 19 फीसदी वोट हासिल कर अपनी जमानत राशि बचा ली थी, उस समय भाजपा ने इनेलो के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, तभी 2019 में सोनाली फोगाट ने बढ़िया प्रदर्शन करते हुए 27.28 प्रतिशत वोट हासिल किए थे लेकिन जीत नहीं पाई थी.

भाजपा का ये दांव कर पाएगा कमाल ?

भाजपा ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौधरी भजनलाल के गढ़ आदमपुर में पहली बार कमल खिलाने के लिए उनकी तीसरी पीढ़ी पर दांव चला है, दरअसल, यहाँ कि सियासी बंजर ज़मीन पर भव्य जीत की आस में भाजपा ने उपचुनाव के लिए कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को टिकट दिया है, अगर भव्य बिश्नोई यहाँ से चुनाव जीत जाते हैं तो भाजपा पहली बार इस सियासी बंजर ज़मीन पर कमल खिला पाएगी.

आदमपुर उप चुनाव में फिलहाल 22 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिसमें कांग्रेस और भाजपा में तो कड़ी टक्कर है, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार भी अंत में बाज़ी पलट सकते हैं.

 

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