BJP सांसद वरुण गांधी ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को लिखा पत्र- देश में बढ़ रही आर्थिक असमानता, सांसद वेतन छोड़ें

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को पत्र लिखकर कहा कि देश में सामाजिक और आर्थिक असमानता का अंतर बढ़ रहा है. वरुण गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष से अपील की है कि सांसदों की वेतन बढ़ोतरी पर रोक लगाई जाए और वह आर्थिक रूप से संपन्न सांसदों द्वारा 16वीं लोकसभा के शेष कार्यकाल में अपना वेतन छोड़ने के लिए आंदोलन शुरू करें.

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BJP सांसद वरुण गांधी ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को लिखा पत्र- देश में बढ़ रही आर्थिक असमानता, सांसद वेतन छोड़ें

Aanchal Pandey

  • January 28, 2018 3:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद वरुण गांधी ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को पत्र लिखा है. वरुण गांधी ने पत्र में लिखा कि भारत में सामाजिक और आर्थिक असमानता का अंतर बढ़ रहा है. वरुण गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष से सांसदों के वेतन में बढ़ोतरी पर रोक लगाने की मांग की. साथ ही वरुण गांधी ने स्पीकर सुमित्रा महाजन से अपील की है कि आर्थिक रूप से संपन्न सांसदों द्वारा 16वीं लोकसभा के शेष कार्यकाल में अपना वेतन छोड़ने के लिए वह आंदोलन शुरू करें.

लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को लिखे गए पत्र में वरुण गांधी ने कहा कि भारत में असमानता प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. उन्होंने लिखा कि भारत में 84 अरबपतियों के पास देश की 70 प्रतिशत संपदा है. देश के एक प्रतिशत अमीर लोग देश की कुल संपदा के 60 प्रतिशत के मालिक हैं. 1930 में 21 प्रतिशत लोगों के पास इतनी संपदा थी. वरुण गांधी का मानना है कि यह संपदा को लेकर व्याप्त अंतर हमारे लोकतंत्र के लिए हानिकारक है. उन्होंने कहा कि सभी सांसदों को जन प्रतिनिधि होने के नाते देश की सामाजिक और आर्थिक हकीकत से वाकिफ होना चाहिए.

पत्र में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से अपील की है कि आर्थिक रूप से संपन्न सांसदों द्वारा 16वीं लोकसभा के बचे कार्यकाल में अपना वेतन छोड़ने के लिए एक आंदोलन की शुरूआत करें. वरुण गांधी कहते हैं कि सांसदों की इस स्वैच्छिक पहल से उनकी संवेदनशीलता को लेकर देशभर में एक सकारात्मक संदेश जाएगा. हालांकि वरुण का यह भी मानना है कि सभी सांसदों की बेहतर आर्थिक स्थिति हो यह भी जरूरी नहीं. कई सांसद अपनी आजीविका के लिए वेतन पर ही निर्भर करते हैं. वरुण गांधी ने कहा कि 16वीं लोकसभा के शेष कार्यकाल में सांसदों के वेतन को न बढ़ाने का फैसला भी इस दिशा में एक स्वागत योग्य कदम हो सकता है. इसके साथ ही वरुण ने सुझाव दिया कि ब्रिटेन की रिव्यू बॉडी ऑन सीनियर सैलरी की तरह भारत में भी एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था की स्थापना की जा सकती है, जो ऐसे फैसले की स्थिरता और सांसदों की वित्तीय क्षतिपूर्ति की जांच करेगी. वरुण गांधी ने कहा कि इससे सांसदों को कुछ समय के लिए असुविधा जरूर होगी लेकिन प्रतिष्ठान के प्रति लोगों में भरोसा जरूर पैदा हो जाएगा.

वरुण गांधी ने कहा, गांधी सरनेम नहीं होता तो 29 साल की उम्र में नहीं बन पाता सांसद

 

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