BJP MP Udit Raj on Me Too Campaign: #MeToo कैंपेन की चिंगारी बॉलीवुड से निकलकर राजनीति के दामन तक पर दस्तक दे चुकी है. 'मी टू' अभियान के बारे में बीजेपी सांसद डॉक्टर उदित राज ने कहा, 'कुछ महिलाएं जान-बूझकर पुरुषों पर ऐसे संगीन आरोप लगाती हैं. इसके बाद उनसे 2-4 लाख रुपये ऐंठती हैं और फिर इसके लिए दूसरे पुरुषों को चुनती हैं.'
नई दिल्ली: BJP MP Udit Raj on Me Too Campaign: अभिनेत्री तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर विवाद से एक बार फिर शुरू हुए #MeToo कैंपेन ने जोर पकड़ा तो कई सफेदपोश लोगों की कलई खुलती चली गई. बीजेपी सांसद डॉक्टर उदित राज ने इस मामले में टिप्पणी की लेकिन बातों ही बातों में उनकी टिप्पणी ने कब विवाद का रूप ले लिया उन्हें भी पता न चला. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सांसद उदित राज ने कहा कि वह इस अभियान के खिलाफ नहीं हैं लेकिन कुछ महिलाएं जान-बूझकर पुरुषों पर ऐसे संगीन आरोप लगाती हैं.
डॉक्टर उदित राज ने कहा, ‘कुछ महिलाएं जान-बूझकर पुरुषों पर ऐसे संगीन आरोप लगाती हैं. इसके बाद उनसे 2-4 लाख रुपये ऐंठती हैं और फिर इसके लिए दूसरे पुरुषों को चुनती हैं. मैं स्वीकार करता हूं कि ये पुरुषों का प्राकृतिक स्वभाव है लेकिन ये सवाल है कि क्या महिलाएं इसमें निपुण नहीं हैं? क्या वो इसका दुरुपयोग नहीं कर रहीं हैं? महिलाओं के ऐसा करने से पुरुषों की जिंदगी बर्बाद हो रही है.’
बताते चलें कि मंगलवार सुबह डॉक्टर उदित राज ने इस कैंपेन को लेकर ट्वीट भी किया था. उन्होंने लिखा, ‘#MeToo कैंपेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जांच कैसे हो सकेगी? जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकसान होगा ये सोचने वाली बात है. गलत प्रथा की शुरुआत है. मैं इसके खिलाफ नही हूं लेकिन इसके दुरुपयोग एवं दूसरे पक्ष से समस्या है.’
बीजेपी सांसद यहीं नहीं रुके. उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा, ‘यह कैसे संभव है कि कोई ‘लिव इन रिलेशन’ में रहने वाली लड़की अपने पार्टनर पर कभी भी ‘रेप’ का आरोप लगाकर उस व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करा दे, वो व्यक्ति जेल चला जाए. इस तरह की घटना आए दिन किसी न किसी के साथ हो रही हैं. क्या ये अब ब्लैकमेलिंग के लिए नहीं इस्तेमाल हो रहा है?’
#MeToकैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जाँच कैसे हो सकेगा?जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकशान होगा ये सोचने वाली बात है।गलत प्रथा की शुरुआत है।#MeToo
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) October 9, 2018
#MeToo के खिलाफ नही हूँ लेकिन इसके दुरुपयोग एवं दूसरे पक्ष से समस्या है। पूरी बात पढ़ें एवं अपनी प्रतिक्रिया दें। pic.twitter.com/rY4WeIiqF7
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) October 9, 2018
यह कैसे संभव है कि कोई "लिव इन रिलेशन" में रहने वाली लड़की अपने पार्टनर पर कभी भी 'रेप' का आरोप लगाकर उस व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करा दे, वो व्यक्ति जेल चला जाए। इस तरह की घटना आये दिन किसी न किसी के साथ हो रहा है। क्या ये अब ब्लैकमेलिंग के लिए नही इस्तेमाल हो रहा है ?#MeToo
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) October 9, 2018
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