2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियों का दलित प्रेम चरम पर है. अंबेडकर जयंती पर एक कार्यक्रम में पहुंचे बलिया से सांसद भरत सिंह ने अंबेडकर की मूर्तियों को तोड़ने का जिम्मेदार ईसाई मिशनरियों को ठहराया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह का नेतृत्व बर्दाश्त न कर पाने के चलते मिशनरियां सरकार को बदनाम करने के लिए ये सब कर रही हैं.
बलियाः देश भर में तोड़ी जा रही संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों को लेकर बलिया से बीजेपी सांसद भरत सिंह ने दावा किया कि ईसाई मिशनरियां मूर्तियों को निशाना बना रही हैं. अंबेडकर जयंती पर उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को बदनाम करने के लिए ये सब किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मिशनरी संस्थाओं के इशारे पर इस काम के जरिए तनाव फैलाने की साजिश रची जा रही है.
उनका कहना है कि जो लोग मूर्तियां तोड़ते हैं, उन्हें मिशनरी की तरफ से पैसे भी मिलते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में देश का आगे बढ़ना ईसाई मिशनरियों सें बर्दाश्त नहीं हो पा रहा है. सिंह ने यह भी कहा कि देश में ईसाई मिशनरियों द्वारा व्यापक पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतकरण कराया जा रहा है. वहीं जब उनसे शिलापट्ट को गेरुआ रंग में रंगने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें समझ में नहीं आता है कि गेरुआ रंग से लोगों को चिढ़ क्यों है.
बीजेपी सांसद के इस बयान पर सपा के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय महासचिव रमाशंकर विद्यार्थी ने बीजेपी को दलित विरोधी पार्टी बताया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए गैंगरेप को भी बीजेपी नेता ईसाई मिशनरी की साजिश बता रहे हैं. उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार असली मुजरिमों को पकड़ नहीं सकती इसलिए ऐसी घटनाओं पर बेतुआ बयान दे रहे हैं.
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