BJP का मकसद आया सामने, हिंदू-मुस्लिम को चाहती है बांटना, तभी गिरिराज सिंह ने खोला पोल!

पटना: केंद्रीय कपड़ा मंत्री और बिहार बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वह हिंदू नहीं बन सके और इसीलिए वह विशेष जातियों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों से चुनाव लड़ते हैं. गिरिराज सिंह ने यह […]

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BJP का मकसद आया सामने, हिंदू-मुस्लिम को चाहती है बांटना, तभी गिरिराज सिंह ने खोला पोल!

Zohaib Naseem

  • October 12, 2024 2:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

पटना: केंद्रीय कपड़ा मंत्री और बिहार बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वह हिंदू नहीं बन सके और इसीलिए वह विशेष जातियों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों से चुनाव लड़ते हैं. गिरिराज सिंह ने यह भी खुलासा किया कि उनकी इच्छा बिहार के मुस्लिम बहुल जिले किशनगंज से चुनाव लड़ने की थी, जहां हिंदू आबादी केवल 32 प्रतिशत है।

 

चुनाव लड़ना चाहेंगे

 

गिरिराज ने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जब उनकी पार्टी ने उनसे पूछा कि वह किस सीट से चुनाव लड़ना चाहेंगे तो उन्होंने किशनगंज का नाम लिया. लेकिन पार्टी ने उन्हें वह सीट नहीं दी. उन्होंने यह भी कहा, ”भले ही मेरी जमानत जब्त हो जाए, मैं हिंदू के तौर पर चुनाव लड़ना चाहता हूं. गिरिराज सिंह को 2014 में नवादा और 2019 और 2024 में बेगुसराय से उम्मीदवार बनाया गया था.

इस दौरान गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने पहले लोगों को वोट देने से रोका और अब हिंदू त्योहारों पर नियम थोपकर बंगाल को बांग्लादेश और पाकिस्तान बनाने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जनता ममता से पाई-पाई का हिसाब लेगी.

 

भूमिका निभाते हैं

 

किशनगंज में मुस्लिम आबादी की बात करें तो 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां 67.98 फीसदी मुस्लिम हैं. इस जिले की राजनीति में मुस्लिम मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं. किशनगंज लोकसभा सीट पर ज्यादातर पार्टियां मुस्लिम उम्मीदवार उतारती हैं. यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस और राजद के लिए अनुकूल रहा है, जबकि भाजपा यहां केवल एक बार 1999 में जीती थी। गिरिराज सिंह के बयान से एक बार फिर पता चलता है कि राजनीति में जाति और धर्म कितनी अहम भूमिका निभाते हैं.

 

असर होता है

 

किशनगंज से चुनाव लड़ने की उनकी इच्छा दर्शाती है कि समाज के विभिन्न वर्गों के मतदाता चुनाव परिणामों को कैसे प्रभावित कर सकते हैं। इस विवादित बयान के बाद राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल मच गई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि ऐसे बयानों का आगामी चुनाव में क्या असर होता है. गिरिराज सिंह का बयान न सिर्फ बीजेपी की रणनीति पर असर डाल रहा है, बल्कि पूरे राज्य की राजनीतिक तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है.

 

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