अहमदाबाद. गांधीनगर में एक दलित कार्यकर्ता की मौत के बाद परिजनों से मिलने पहुंचे बीजेपी विधायक को आक्रोशित भीड़ का सामना करना पड़ा. भीड़ ने विधायक को परिजनों से मिले बिना ही वहां से दौड़ा दिया. बता दें कि गुजरात में एक दलित कार्यकर्ता भानुभाई वानकर की मौत के बाद बीजेपी विधायक करसन सोलंकी मृतक के परिजनों से मिलने के लिए उसे घर पहुंचे थे. दरअसल भानुभाई के साथ प्रदर्शन कर रहे लोग गुजरात सरकार से अपनी मांगों को लेकर हंगामा कर रहे थे. इसी दौरान बीजेपी विधायक उनके मिलने पहुंचे. लोगों को गुस्से को देखते हुए उन्हें वहां से दौड़कर भागना पड़ा.
वहीं कहा जा रहा है कि गुजरात सरकार ने आत्मदाह कर चुके दलित कार्यकर्ता भानुभाई वानकर के परिजनों की मांगों को स्वीकार कर लिया है. वानकर ने बृहस्पतिवार को आत्मदाह किया था. इससे पहले वानकर के परिजन ने आज उसका शव लेने से इंकार करते हुए कहा था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वह शव नहीं लेंगे. भानुभाई वानकर का शव गांधीनगर सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने के लिए लाया गया था. परिवार की मांग के समर्थन में बड़ी संख्या में दलित प्रदर्शनकारी अस्पताल के बाहर मौजूद थे.
बता दें कि वानकर ने बृहस्पतिवार को पाटन कलेक्टर कार्यालय के बाहर खुद को आग लगा ली थी. अगले दिन अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई. वानकर मेवानीज राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच से संबद्ध था.
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