Jammu And Kashmir Assembly Dissolution: राम माधव बोले- पीडीपी, एनसी को पाकिस्तान से मिला सरकार बनाने का निर्देश, उमर अब्दुल्ला बोले- सारी जांच एजेंसी तुम्हारी, साबित करो

Jammu And Kashmir Assembly Dissolution: पीडीपी, एनसी और कांग्रेस गठबंधन द्वारा जम्मू कश्मीर में सरकार बनाए जाने का दावा पेश करने के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी. इस मामले पर विवाद चल रहा है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने पाकिस्तान से निर्देश मिलने की बात कहकर मामले को तूल दे दिया है. इस पर उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया देते हुए आरोप साबित करने की चुनौती दी है.

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Jammu And Kashmir Assembly Dissolution: राम माधव बोले- पीडीपी, एनसी को पाकिस्तान से मिला सरकार बनाने का निर्देश, उमर अब्दुल्ला बोले- सारी जांच एजेंसी तुम्हारी, साबित करो

Aanchal Pandey

  • November 22, 2018 1:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

श्रीनगर. जम्मू- कश्मीर में गैर बीजेपी दलों, पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद राज्यपाल ने कुछ ही घंटे में विधानसभा भंग कर दी. इस मामले पर विवाद छिड़ा हुआ है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव के बयान के बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया है. राम माधव ने अपने एक बयान में कहा कि हो सकता है पीडीपी, एनसी को सीमा पार से सरकार बनाने के निर्देश मिले हों क्योंकि निकाय चुनाव में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है. इस बयान को लेकर उमर अब्दुल्ला ने उन्हें पाकिस्तान लिंक साबित करने की चुनौती दी है.

राम माधव के बयान के बाद उमर अब्दुल्ला ने उन्हें आरोप साबित करने की चुनौती दी है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आपके पास आपके लिए काम करने वाली रॉ , एनआईए और आईबी है . इसके अलावा आपका तोता सीबीआई भी है. अगर आपमें हिम्मत है तो इसके सबूत जनता के सामने रखिए. उन्होंने आगे कहा कि या तो सबूत सामने रखिये या माफी मांगने की हिम्मत दिखाइये. फिजूल के आरोपों की राजनीति मत कीजिए.

इसका जवाब देते हुए राम माधव ने कहा कि वह उनकी देशभक्ति पर सवाल खड़े नहीं कर रहे बल्कि पीडीपी-एनसी के बीच अचानक उमड़ा प्रेम और सरकार बनाने की जल्दबाजी इस तरह के बयान दिलवा रहा है. उमर अब्दुल्ला ने इसका जवाब देते हुए कहा कि इस तरह का व्यंग्य काम नहीं करेगा. आपने मेरी पार्टी पर पाकिस्तान के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है, मैं आपको चुनौती देता हूं कि इसे सिद्ध करके दिखाइये.

बता दें कि बुधवार शाम पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी के 29, एनसी के 15 और कांग्रेस के 12 विधायकों सहित कुल 56 विधायकों के समर्थन की बात कहते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसके कुछ देर बाद ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने का ऐलान कर दिया. पीडीपी फैक्स के जरिए सरकार बनाने का दावा पेश करने की बात कह रही है, लेकिन राज्यपाल का कहना है कि उन्हें कोई पत्र नहीं मिला. 87 सीटों वाले जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए 44 विधायकों की जरूरत है ऐसे में पीडीपी ने 56 विधायकों के समर्थन की बात कही थी जिससे आसानी से सरकार बनाई जा सकती थी. अब राज्य में चुनाव का विकल्प खुल गया है.

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