पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार बन चुकी है. राज्यपाल तथागत रॉय ने शुक्रवार को बिप्लब देब कुमार को मुख्यमंत्री और जिष्णु देव वर्मा को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कई बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचे. गुरुवार को बीजेपी महासचिव राम माधव और बिप्लब देब पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार को कार्यक्रम में आने का न्योता देने के लिए उनके नए पते लेफ्ट पार्टी के दफ्तर पहुंचे. सरकार की सादगी से प्रभावित होकर राम माधव उनकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए.
नई दिल्लीः पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में लेफ्ट का किला ध्वस्त हो चुका है. बिप्लब देब कुमार राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले चुके हैं. गुरुवार को बीजेपी महासचिव राम माधव और बिप्लब देब शपथ ग्रहण समारोह का न्योता देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार के निवास पहुंचे. सीपीआई(एम) का दफ्तर ही अब पूर्व मुख्यमंत्री के घर का पता है. अपने रहन-सहन और सादगी के लिए पहचाने जाने वाले माणिक सरकार से मिलकर राम माधव उनकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए. बीजेपी महासचिव ने सरकार की तारीफ में खूब कसीदे पढ़े.
गुरुवार को राम माधव का एक अलग ही रूप देखने को मिला. विधानसभा चुनाव से पहले माणिक सरकार पर जमकर हमला बोलने वाले राम माधव जब व्यक्तिगत तौर पर उनसे मिले तो वह सरकार के बारे में और जानकर बेहद दंग रह गए. उन चंद पलों में पार्टी की विचारधारा को दरकिनार करते हुए दोनों ही पार्टियों के नेता बेहद सभ्य तरीके से मिले. बिप्लब देब और राम माधव ने सरकार को शपथ ग्रहण समारोह में आने का न्योता दिया, जिसे स्वीकार करते हुए उन्होंने कार्यक्रम में जरूर शिरकत करने की बात कही.
Called on former CM of Tripura Sh Manik Sarkar at d CPM office and invited him to d oath ceremony of d new govt tomorrow. True to his character he has shifted to d party office immediately after resigning as CM post the election. Something for leaders to emulate.
— Ram Madhav (@rammadhav_) March 8, 2018
सरकार से मिलने के बाद राम माधव ने ट्वीट किया, ‘अपने चरित्र की तरह बेहद सच्चे इंसान. चुनाव के नतीजों के बाद सीएम पद से इस्तीफा देते हुए सरकार तुरंत सरकारी आवास छोड़कर पार्टी ऑफिस शिफ्ट हो गए. इस सीख को अन्य नेता अपने जीवन में अनुकरण कर सकते हैं.’ लेनिन की मूर्ति ढहाए जाने की घटना पर भी राम माधव ने ट्वीट करते हुए इसे उपद्रवियों की कायराना हरकत करार दिया. बता दें कि हाल में यह बात सामने आई थी कि माणिक सरकार देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्री हैं. सरकार अपनी सादगी और रहन-सहन के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया में पहचाने जाते हैं.
एक वक्त वो भी था जब चुनाव से पहले राम माधव सरकार पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे. एक बार जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, ‘माणिक सरकार ने इतने वर्षों में आपको गरीबी और बेरोजगारी दी है. इस चुनाव में आप लोग ठान लें कि चुनाव के बाद केवल एक शख्स (माणिक सरकार) बेरोजगार रहे. उसकी नौकरी छीन लें और बीजेपी को वोट दें.’ गौरतलब है कि शुक्रवार को माणिक सरकार शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे. पीएम नरेंद्र मोदी ने माणिक सरकार से मुलाकात की. लेनिन की मूर्ति ढहाए जाने का विरोध करते हुए लेफ्ट नेताओं ने समारोह का बॉयकॉट करने की बात कही थी. इसके बावजूद सरकार समारोह में शामिल हुए.