बीजेपी-कांग्रेस ने चली चाल, जाट समुदाय और OBC को लेकर फेंका पासा, क्या कामयाब होगी मंशा?

हरियाणा: हरियाणा में आज यानी की 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव शुरु हो चुके हैं. राज्य में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. वहीं 65 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है, जबकि कुछ सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस को अन्य पार्टियों से कड़ी टक्कर मिल रही है.   शामिल हो […]

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बीजेपी-कांग्रेस ने चली चाल, जाट समुदाय और OBC को लेकर फेंका पासा, क्या कामयाब होगी मंशा?

Zohaib Naseem

  • October 5, 2024 8:10 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

हरियाणा: हरियाणा में आज यानी की 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव शुरु हो चुके हैं. राज्य में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. वहीं 65 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है, जबकि कुछ सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस को अन्य पार्टियों से कड़ी टक्कर मिल रही है.

 

शामिल हो गए

 

कल ही बीजेपी को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब अशोक तंवर बीजेपी छोड़कर एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए. महेंद्रगढ़ में राहुल गांधी की रैली के दौरान अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल हुए. जिसके बाद तंवर ने कहा कि राहुल गांधी संविधान को मजबूत करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. हालांकि हरियाणा में जाट समुदाय का वोट बैंक सबसे बड़ा है. वहीं राज्य में जाटों की आबादी 25 फीसदी से ज्यादा है. जिसके बाद दलितों की आबादी 20-22 फीसदी है. राज्य में ओबीसी की सबसे ज्यादा आबादी होने के बावजूद यह कई जातियों में बंटा हुआ है. ये तीन ही जातियां हैं.

 

70-75 फीसदी है

 

हरियाणा में किसी भी सरकार को बनाने या बिगाड़ने में इसकी अहम भूमिका होती है. इनका कुल योग 70-75 फीसदी है. इसके अलावा 7 फीसदी मुस्लिम, 8 फीसदी ब्राह्मण, 4 फीसदी वैश्य, 2 फीसदी राजपूत और 8 फीसदी पंजाबी हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, इस चुनाव में कांग्रेस का फोकस जेओटी वोटरों पर है, जबकि बीजेपी ओबीसी वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रही है.

 

बिगाड़ सकते हैं

 

पिछले दो विधानसभा चुनावों से बीजेपी हरियाणा में सरकार बना रही है और एक बार फिर बीजेपी हैट्रिक लगाने की तैयारी में है. राज्य में क्षेत्रीय और छोटे दल भी कांग्रेस-बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते हैं. दरअसल, नई पार्टी के तौर पर जेजेपी ने 2019 के विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था. पार्टी ने 10 सीटें जीती थीं और बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी. जेजेपी अध्यक्ष दुष्यन्त चौटाला को डिप्टी सीएम बनाया गया.

 

गठबंधन टूट गया

 

हालांकि, इसी साल बीजेपी और जेजेपी के बीच मतभेद हो गए और ये गठबंधन टूट गया. इस बार दुष्यन्त चौटाला की पार्टी ने चन्द्रशेखर की आजाद समाज पार्टी-काशीराम के साथ गठबंधन किया है. उधर, इनेलो अध्यक्ष अभय चौटाला ने गोपाल कांडा की हिलोपा और बसपा के साथ गठबंधन कर लिया है। यह गठबंधन पहले ही अभय चौटाल को अपना सीएम चेहरा घोषित कर चुका है. इधर, अरविंद केजरीवाल भी राज्य में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं.

 

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