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Bitta Karate Murder case : 31 साल बाद कश्मीरी पंडितों के कातिल बिट्टा पर चलेगा मर्डर केस

Bitta Karate Murder case नई दिल्ली, आने एक वीडियो इंटरव्यू में कश्मीरी पंडितों और हत्याओं को कबूलने वाले बिट्टा कराटे पर मर्डर केस चलने जा रहा है. जहां पीड़ित परिवार द्वारा फिर सुनवाई की अर्ज़ी श्रीनगर कोर्ट में दी गयी है. फ़िल्म द कश्मीर फाइल्स में उठाया मुद्दे को कश्मीरी पंडितों का नरसंघार करने वाला […]

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Bitta Karate Murder case : 31 साल बाद कश्मीरी पंडितों के कातिल बिट्टा पर चलेगा मर्डर केस
  • March 30, 2022 4:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Bitta Karate Murder case

नई दिल्ली, आने एक वीडियो इंटरव्यू में कश्मीरी पंडितों और हत्याओं को कबूलने वाले बिट्टा कराटे पर मर्डर केस चलने जा रहा है. जहां पीड़ित परिवार द्वारा फिर सुनवाई की अर्ज़ी श्रीनगर कोर्ट में दी गयी है.

फ़िल्म द कश्मीर फाइल्स में उठाया मुद्दे को

कश्मीरी पंडितों का नरसंघार करने वाला बिट्टा कराटे पर एक बार फिर मुकदमा चलने जा रहा है. बता दें बिट्टा का असल नाम फारूक अहमद डार है. वर्ष 1990 में उसने खुद 30 से 40 कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात को स्वीकारा था. अब एक बार फिर उसपर मुकदमा दाखिल होने जा रहा है.
ये मामला एक बार फिर बिज़नेस मैन सतीश टिकू की हत्या को लेकर उनके परिवार द्वारा श्रीनगर कोर्ट में उठाया गया है. जहां अब तक मामले में सुनवाई के लिए अर्जी दाखिल की गयी है.

पहली सुनवाई में क्या हुआ

आपको बता दें की पीड़ित परिवार से सतीश टिकू की याचिका से जुड़ी हार्ड कॉपी पेश करने का आदेश दिया गया है. मामले में सुनवाई 16 अप्रैल को होनी हैं. जहां परिवार की तरफ से वकील उत्सव बैंस अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखेंगे.

क्या है बिट्टा का नाम आने की वजह

फारूक अहमद डार का नाम बिट्टा कराटे इसलिए पड़ा क्योंकि उसको मार्शलआर्ट्स में अच्छी प्रैक्टिस है. उसने एक इंटरव्यू में टेलीविज़न पर हत्याओं की बात को स्वीकार किया था. फिल्म द कश्मीर फाइल्स के आने के बाद एक बार फिर ये मामला उभरा. अब लोग भी इस अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं. देशभर से कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय की मांग उठ रही है. लोगों द्वारा आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग है.

जमानत पर रिहा है बिट्टा

इस समय बिट्टा जमानत पर रिहा है. उसपर कश्मीरी निर्दोष लोगों की ह्त्या का आरोप लगाया गया था. उसने अपने एक इंटरव्यू में जो साल 1991 में लिए गया था 20 कश्मीरी पंडितों को मारने की बात को स्वीकारा था. इसके बाद उसे सार्वजानिक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. अब तक उसपर 19 से ज़्यादा उग्रवाद संबंधित मामले हैं और 16 साल की जेल के बाद उसे जमानती रिहाई मिल गयी.

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