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‘हम राजनीति के शिकार..’ जेल से रिहा हुए बिलकिस बानो केस के दोषियों का बड़ा दावा

गांधीनगर, गुजरात में 2002 में हुए गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप केस में दोषी सभी 11 कैदियों को रिहाई दे दी गई है. गुजरात सरकार ने इन दोषियों को रिहा कर दिया है, बता दें, दोषियों पर बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने और उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या करने का […]

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‘हम राजनीति के शिकार..’ जेल से रिहा हुए बिलकिस बानो केस के दोषियों का बड़ा दावा
  • August 16, 2022 8:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

गांधीनगर, गुजरात में 2002 में हुए गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप केस में दोषी सभी 11 कैदियों को रिहाई दे दी गई है. गुजरात सरकार ने इन दोषियों को रिहा कर दिया है, बता दें, दोषियों पर बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने और उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या करने का इल्जाम था और 2008 में सभी को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. अब ये दोषी रिहा होकर जेल से बाहर आ गए हैं. रिहा हुए एक दोषी ने खुद को राजनीति का शिकार बताया है, उसने कहा है कि वो बस गंदी राजनीति का शिकार हुआ है.

दोषी ने कहा “मेरे साथ राजनीति हुई”

दरअसल, जेल से रिहा किए जाने के एक दिन बाद दोषी शैलेश भट्ट ने दावा किया कि वो “राजनीति का शिकार” हुआ था, 63 वर्षीय भट्ट ने कहा कि जब उसे गिरफ्तार किया गया तो वह सत्तारूढ़ दल भाजपा के पदाधिकारी था. गोधरा जेल से बाहर निकलने के बाद वह अपने भाई और मितेश सहित अन्य दोषियों के साथ गुजरात के दाहोद जिले के सिंगोर गांव के लिए रवाना हो गया है, मंगलवार को गांव में उसका स्वागत बहुत शांतिपूर्ण तरीके से किया गया.

केंद्र ने ये निर्देश दिया था

इस साल जून में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया था, जिसके तहत जेल में लंबे समय से सजा काट रहे अपराधियों को छोड़ने के लिए स्पेशल पॉलिसी का प्रस्ताव लाया गया था और उनकी रिहाई के निर्देश दिए गए थे. हालांकि इसमें रेप केस में सजा काट रहे अपराधियों को छोड़ने का प्रावधान नहीं थी, इस तरह तकनीकी रूप से देखें तो बिल्किस बानो रेप केस के आरोपी इस गाइडलाइन के मुताबिक रिहा नहीं किए जा सकते थे. लेकिन इस मामले में गुजरात सरकार ने अपनी पॉलिसी का पालन किया और माफी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मई में दिए गए निर्देशों के तहत आरोपियों को जेल से रिहा कर दिया.

नहीं किया क्राइटेरिया का पालन

केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन में ये साफ़ था रेप केस में सजा काट रहे अपराधियों पर ये प्रस्ताव लागू नहीं होगा, लेकिन इसके बावजूद गुजरात सरकार ने इन्हें रिहा कर दिया. सिर्फ इतना ही नहीं, गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद केंद्र सरकार की गाइडलाइंस में एक प्वॉइंट यह भी है कि उम्रकैद की सजा पाने वालों पर भी ये प्रस्ताव लागू होता है और उन्हें नहीं छोड़ना है. इस तरह से भी बिल्किस बानो रेप केस के 11 आरोपी इस क्राइटेरिया के तहत नहीं आते हैं और उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता था. वहीं गोधरा उपजेल से बाहर आने के बाद आरोपियों का मिठाई खिलाकर स्वागत किया गया, जेल से बाहर आने के बाद याचिका लगाने वाले राधेश्याम शाह ने ख़ुशी जताते हुए मिठाई बांटी है. उनकी याचिका पर ही इनकी रिहाई का फैसला हुआ है. राधेश्याम ने कहा कि अब मैं अपने परिवार से मिलूंगा और एक नई जिंदगी की शुरुआत करूँगा.

 

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