पटना : बिहार सरकार के महागठबंधन के साथ दोबारा सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार राजनीतिक गलियारों में छाए हुए हैं. उनका हर दूसरा फैसला इस समय नई बहस बनता दिखाई दे रहा है और उनकी आगे की रणनीति बता रहा है. इसी तरह का उनका एक फैसला रहा उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में शामिल ना […]
पटना : बिहार सरकार के महागठबंधन के साथ दोबारा सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार राजनीतिक गलियारों में छाए हुए हैं. उनका हर दूसरा फैसला इस समय नई बहस बनता दिखाई दे रहा है और उनकी आगे की रणनीति बता रहा है. इसी तरह का उनका एक फैसला रहा उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में शामिल ना करना. मंत्री ना बनाए जाने पर अटकलें चलने लगीं कि वे नई सरकार से नाराज हो गए हैं और कुशवाहा नीतीश कुमार से खफा हैं.
इस पूरे विवाद को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने चुप्पी तोड़ी. उन्होंने नाराजगी वाली खबरों को सिरे से नकार दिया और जोर देकर कहा है कि उनके लिए पद से ज्यादा विचारधारा की लड़ाई अहम है. कुशवाहा ने कहा, बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह के भ्रम और अनाप-शनाप ख़बरों का प्रचार किया गया और किया जा रहा है. ऐसी अनर्गल बातों को हवा देने वाले महानुभावों से मैं कहना चाहता हूँ अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी पद नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी नहीं जताई, बल्कि कई बार नाराज़गी जताने के लिए बड़े पदों को लात मारी है.
कुशवाहा आगे कहते हैं कि ‘इतिहास जानता है कि मेरे पास पद बड़ा नहीं, बल्कि मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है. और इसी आइडियोलॉजी को बर्बाद करने की साजिश की जा रही है जिसको नाकाम करने के एक खास मिशन से मैंने अपनी पार्टी का विलय जद (यू.) में करने का फैसला लिया. वह आगे कहते हैं, क्योंकि हमारे सभी साथियों का निष्कर्ष था और है कि राज्य ही नहीं पूरे देश के स्तर पर श्री नीतीश कुमार एक मात्र ऐसे कर्मठ, अनुभवी नेता हैं जिनके नेतृत्व में इस विचारधारा को बढ़ाया जाए.
बिहार में नई सरकार के विवादों में आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक बुलाई है. उस बैठक तस्वीर सामने आई जिसमें तेजस्वी के साथ संजय यादव भी नजर आए. बता दें, संजय, तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार हैं, वर्तमान में उनके पास कोई सरकारी पद नहीं है जिससे एक और विवाद खड़ा हो गया है.
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