नई दिल्ली। बिहार इस समय पूरे देश में राजनीति का केंद्र बना हुआ है। हाल ही में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन से बनी सरकार से नाता तोड़ कर पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल पार्टी से महागठबंधन करके दोबारा सत्ता में वापसी की। नीतीश कुमार दोबारा बिहार के मुख्यमंत्री […]
नई दिल्ली। बिहार इस समय पूरे देश में राजनीति का केंद्र बना हुआ है। हाल ही में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन से बनी सरकार से नाता तोड़ कर पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल पार्टी से महागठबंधन करके दोबारा सत्ता में वापसी की। नीतीश कुमार दोबारा बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और सूबे के नए उपमुख्यमंत्री लालू यादव के छोटे बेटे और आरजेडी के युवा नेता तेजस्वी यादव बने।
इन दिनों तेजस्वी का एक पुराना बयान वायरल हो रहा है, दरअसल विपक्ष में रहते हुए तेजस्वी ने बिहार के युवाओं को 10 लाख नौकरी देने का वादा किया था। उन्होंने उस समय कहा था कि अगर वो मुख्यमंत्री बनते हैं तो राज्य के बेरोजगार युवाओं को 10 लाख नौकरी देंगे। इन दिनों तेजस्वी सत्ता पक्ष में है और वो राज्य के डिप्टी सीएम पद पर काबिज हैं। ऐसे में विपक्ष के लोग उनके पुराने बयान का हवाला देकर उनसे सवाल पूछ रहे हैं।
इस पूरे वाक्या में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, हम कोशिश कर रहे हैं इसके लिए हमारा पूरा प्रयास रहेगा। 2015-2016 में भी हमने जो कहा था उसको पूरा किया। अब उसका दूसरा चरण लाया गया है। उसके अलावा भी हमने बहुत काम किया है। हमने भी कहा था कि युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिलना चाहिए।
महागठबंधन की नई सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री तो तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बन गए हैं, वहीं अब विपक्ष तेजस्वी यादव से सवाल पूछ रहा है कि राज्य में 10 लाख नौकरी देने वाले वादे का क्या हुआ? कितने दिन में लोगों को रोजगार मिलेगा। अब तेजस्वी ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत के दौरान कहा कि हां! हमने वादा किया था कि बिहार का मुख्यमंत्री बनते ही पहला फैसला नौकरी देने का होगा, अभी तो हम राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं, मुख़्यमंत्रीं बनेंगे तो नौकरी पक्की।