पटना. तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे डॉ. जगन्नाथ मिश्रा का बिहार में उनके पैतृक गांव बलुआ में राजकीय सम्मान के साथ अंत्योष्टी होनी थी. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी सहित कई मंत्री मौजूद थे. इसी दौरान जब डॉ. मिश्र के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा था तो एक ऐसी घटना हुई जिससे बिहार पुलिस और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की किरकिरी हो गई. गॉर्ड ऑफ ऑॉनर देते वक्त एक के बाद एक 22 राइफलों ने धोखा दे दिया. किसी राइफल से गोली ही नहीं चली. जब किसी राइफल से गोली नहीं चली तो सभी सूबे के मुखिया नीतीश कुमार का मुंह ताकने लगे. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे बगले झांकने लगे. बिहार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठ गया है कि ऐसी राइफलों के सहारे बिहार पुलिस कैसे अपराधियों से निपटेगी. आपको योगी आदित्यनाथ की यूपी पुलिस का वो वीडियो याद ही होगा जिसमें अपराधियों को डराने के लिए पुलिस वाले मुंह से ही ठांय ठांय की आवाज निकाल रहे थे.
बता दें कि तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्र का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया था. बिहार सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां कीं. लेकिनन ऐन मौके पर ऐसी फजीहत हुई जिसका अफसाना बन गया. पत्रकारों ने जब सूबे के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से इस बाबत सवाल पूछा तो वो बिफर पड़े. उन्होंने कहा कभी कभी ऐसा हो जाता है.
हालांकि यह भी अपने आप में रिकॉर्ड ही है कि एक के बाद एक कर के 22 राइफल फेल हो गए. सामने पूर्व मुख्यमंत्री की पार्थिव शरीर है. उन्हें राजकीय सम्मान के साथ गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा है. देश विदेश का मीडिया मौजूद है. बिहार के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री सहित सभी बड़े नेता मौजूद हैं. गॉर्ड ऑफ ऑनर के दौरान सभी की निगाहें राइफल थामे बिहार पुलिस के जाबांज पुलिसवालों की तरफ थी. पहला जवान राइफल चलाता है लेकिन गोली नहीं चलती. दूसरा जवान राइफल चलाता है लेकिन गोली नहीं चलती. एक के बाद एक 22 जवान और 22 राइफल फेल. सभी सूबे के मुखिया नीतीश कुमार की तरफ देखते हैं. नीतीश बाबू की नजर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे की तरफ थीं. डीजीपी साहब कहां देख रहे थे इसके बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है.
राइफल सब बेकार है, नीतीशे कुमार है
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान मशहूर गीतकार राजशेखर से अपना चुनावी गीत लिखवाया था. यह एक पंचलाइन की तरह चला भी खूब. बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है. पिछले कुछ समय में बिहार में एक के बाद बुरी खबरों के लिए सुर्खियां बंटोरता रहा है. कभी खुलेआम एक के बाद एक हत्या की खबरों से तो कभी इंसेफ्लाइटिस से एक के बाद एक सैकड़ों मासूम बच्चों की मौत की खबर से और अब हर साल की तरह बाढ़ की विभीषिका की खबर छाई हुई है. इसी बीच नीतीश कुमार की बिहार पुलिस की फजीहत एक पूर्व मुख्यमंत्री के राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के वक्त लगातार 22 राइफलों के फुस्स होने से. निश्चित तौर पर लोग मजाक उड़ाएंगे लेकिन सवाल गंभीर है. क्या पूर्व मुख्यमंत्री के राजकीय सम्मान के साथ किए जा रहे अंतिम संस्कार जैसे कार्यक्रम के पहले कोई तैयारी नहीं की गई. इतनी खराब राइफलों का चुनाव जब ऐसे कार्यक्रम के लिए किया गया तो बिहार पुलिस के पास किस तरह के हथियार होंगे इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है. बिहार में जहां नीतीश कुमार लालू यादव के मुख्यमंत्री काल को अपराधों की वजह से जंगलराज कहते हैं, खुद उनकी पुलिस अपराधियों से निपटने के लिए कितनी तैयार है यह घटना बताती है.
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी गठबंधन को मिली करारी हार के अब…
नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बांगलादेश में हिन्दुओं के…
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी गठबंधन को मिली करारी हार के अब…
सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 में हार्दिक पांड्या ने एक ही ओवर में 29 रन…
मारुति सुजुकी ने भारत से निर्यात की शुरुआत 1986 में की थी। पहली बड़ी खेप…
भारत में हर राज्य में शराब की कीमतें अलग होती हैं और इसका मुख्य कारण…