पटना: बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. जहां महागठबंधन सरकार भूमिहीन लोगों को घर बनाने के लिए जमीन देने जा रही है. इतना ही नहीं वह भूमिहीन लोग जिन्हें पहले जमीन दी गई थी उन्हें भी सर्वेक्षण कराकर नया प्लान देने की तैयारी है. इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा […]
पटना: बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. जहां महागठबंधन सरकार भूमिहीन लोगों को घर बनाने के लिए जमीन देने जा रही है. इतना ही नहीं वह भूमिहीन लोग जिन्हें पहले जमीन दी गई थी उन्हें भी सर्वेक्षण कराकर नया प्लान देने की तैयारी है. इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है की जिन्हें पहले भूमि दी गई थी उनका परिवार बढ़ गया है.
ख़ास बात ये है कि सीएम नीतीश कुमार का ये ऐलान लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भूमिहीनों को जमीन देकर अनुसूचित जाति, पिछड़े एंव अति पिछड़ा वर्ग को साधने का प्रयास कर रहे हैं.क्योंकि इसका लाभ उन्हें मिला भी है तो अब नीतीश मिशन-2024 को फतह करने की तैयारी कर रहे हैं.
दरअसल मंगलवार(15 मार्च) को बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने विधानसभा में कहा है कि बिहार में एक भी भूमिहीन परिवार नहीं रहेगा. साथ ही विभाग ने तमाम अधिकारियों को MP-MLA-MLC विकास योजनाओं के लिए जमीन संबंधी एनओसी जल्द देने का निर्देश दिया गया है.उनके शब्दों में राज्य में वर्ष 2024 तक जमीन के विशेष सर्वेक्षण का काम पूरा हो जाएगा. इसी कड़ी में सदन में 1548.50 करोड़ का राजस्व-भूमि सुधार विभाग का अनुदान विपक्ष के वॉकआउट के बीच पास कर दिया गया है.
बता दें, बिहार में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले उन लोगों को चिन्हित किया जाएगा जिनके पास घर बनाने के लिए जमीन नहीं है. इन सभी परिवारों को बिहार सरकार जमीन देने जा रह है. ऐसे लोगों को चिन्हित भी कर लिया गया है जिसका फायदा बिहार सरकार को भी होने जा रहा है. ऐसे में साल 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनावों में बिहार सरकार के पैसा अनुसूचित जाति, पिछड़े एंव अति पिछड़ा वर्ग का समर्थन आ सकता है. गैर मजरुआ, सीलिंग या फिर भू-दान की जमीन पर भूमिहीन परिवारों को बसाए जाने की तैयारी है.
राजस्व-भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने सदन में बताया है कि राज्य में फिलहाल 21 हजार 819 भूमिहीन परिवार हैं. जिसमें से अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 3733, पिछड़ा वर्ग के 2264, अनुसूचित जाति के 3598, महादलित वर्ग के 11112 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 1112 परिवार हैं. इन सभी परिवारों को बिहार सरकार की इस योजना से फायदा पहुंचेगा. इस पूरी योजना से दलित, पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्ग के लोगों को फायदा मिलेगा. बता दें, बिहार में दलित, पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्ग के वोटबैंक को निर्णायक माना जाता है. ऐसे में नीतीश कुमार सीधे-सीधे अपना चुनाव में अपने समीकरण को दुरुस्त करने का दांव चल रहे है.
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