पटना/नई दिल्ली। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के एक नए आदेश से खलबली मच गई है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करना अनिवार्य करने का निर्देश जारी किया है। इसके लिए केवल तीन मौके ही रहेंगे। लेकिन, नए आदेश के तहत तीनों मौके के बाद भी असफल रहे नियोजित शिक्षकों के पास ये नौकरी भी नहीं बचेगी।
बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के तहत सक्षमता परीक्षा को लेकर विभागीय समिति की बैठक की गई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि स्थानीय निकाय शिक्षक जो सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होते हैं या तीसरे प्रयास में भी परीक्षा में असफल होने पर विभाग की समिति सरकार को आवश्यक अनुशंसा करेगी। विभागीय समिति ने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को तीन प्रयास देने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को चार चरणों में परीक्षा लेनी पड़ सकती है, क्योंकि कुछ स्थानीय निकाय शिक्षक किसी व्यक्तिगत कारणों से किसी परीक्षा में भाग नहीं ले सकते हैं। जैसे बीमारी, दुर्घटना आदि होने की स्थिति में वो परीक्षा में भाग लेने में असमर्थ हो सकते हैं। इन सभी कारणों से समिति ने ये निर्णय लिया है कि परीक्षा चार चरणों में ली जाएगी।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पहली सक्षमता परीक्षा 26 फरवरी से आयोजित करने का फैसला लिया है। विभागीय समिति के मुताबिक, चारों चरण अति शीघ्र समाप्त कर लिए जाएंगे। विभागीय समिति ने कहा कि जो शिक्षक इन चारों चरणों में होने वाली परीक्षाओं में से तीन चरणों की परीक्षा में नहीं बैठते हैं या तीन से कम चरणों में बैठते हैं या फिर तीन चरणों की परीक्षा में बैठने के बाद भी उत्तीर्ण नहीं होते हैं तो उन सभी स्थानीय निकाय शिक्षकों की नौकरी समाप्त कर दी जाएगी।
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