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Bihar: 29 साल से थाने में ‘कैद’ थे भगवान हनुमान, अब जाकर हुए रिहा

पटना: भोजपुर के कृष्णगढ़ थाने से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है जहां 29 साल से कैद हनुमान जी और श्री रामानुज स्वामी की रिहाई हुई. ये रिहाई पूरे 29 साल बाद बीते मंगलवार को हुई थी जहां आरा सिविल कोर्ट के ADJ थ्री सत्येंद्र सिंह की ओर से रिहाई का […]

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Bihar: 29 साल से थाने में ‘कैद’ थे भगवान हनुमान, अब जाकर हुए रिहा
  • March 29, 2023 4:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना: भोजपुर के कृष्णगढ़ थाने से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है जहां 29 साल से कैद हनुमान जी और श्री रामानुज स्वामी की रिहाई हुई. ये रिहाई पूरे 29 साल बाद बीते मंगलवार को हुई थी जहां आरा सिविल कोर्ट के ADJ थ्री सत्येंद्र सिंह की ओर से रिहाई का आदेश दिया गया था. कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मंगलवार की शाम को मालखाने में कैद अष्टधातु निर्मित भगवान हनुमान की कीमती मूर्तियों को रिहा कर दिया गया.

चढ़ाई गई फूल-माला

रिहा होने से पहले उन्हें पूरे विधि विधान के अनुसार गंगाजल से स्नान कराया गया. साथ ही हनुमान और श्री रामानुज स्वामी को नए वस्त्र के साथ थाने से विदाई कराई गई. इस समय ये पूरा वाकया इलाके में चर्चा का विषय है. पूजा अर्चना किए जाने के बाद गाजे-बाजे के साथ जयकारा लगाते हुए दोनों मूर्तियों को गुंडी गांव स्थित एतिहसिक श्री रंगनाथ मंदिर लाया गया. हनुमान जी और श्री रामानुज स्वामी को मंदिर लाने के पहले कृष्णगढ़ थाना परिसर में थानाध्यक्ष ब्रजेश सिंह और श्रद्धालुओं की ओर से आसन पर विराजमान कर फूल-माला चढ़ाई गई. थाने से भी शाम पांच बजे पूरी श्रद्धापूर्वक उनकी विदाई की गई.

गांव में घुमाई गई मूर्ति

दूसरी ओर गांव में श्रद्धालुओं के बीच मूर्ति घुमाई गई. जहां गांव की महिलाओं ने भी हनुमान जी के दर्शन किए. इस बीच 80 साल के कार्यकर्ता बबन सिंह ने बताया कि उन्हें अपनी आँखों पर सहज विश्वास ही नहीं हो पा रहा है कि उनके भगवान सचमुच मंदिर तक पहुंच गए हैं. भगवान के दर्शन के लिए मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं का हुजूम भी जमा हो गया था. इस समय ये पूरा मामला इलाके में चर्चा का विषय है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र के गुंडी गांव स्थित श्री रंगनाथ भगवान के मंदिर से 1994 के जून माह में चोरों ने इन कीमती मूर्तियों को चुरा लिया था. एक सप्ताह बाद स्थानीय पुलिस ने इन मूर्तियों को गौसगंज के पास स्थित एक बगीचे के कुएं से बरामद किया था. कीमती मूर्तियों की जमानत के लिए उस समय न्यायालय की ओर से 42 लाख रुपये के जमानतदार की मांग की गई थी. जमानतदार नहीं मिलने से मूर्तियां कृष्णगढ़ थाने के मालखाने में ही थीं. इसके बाद अब जाकर भगवान की इन कीमती मूर्तियों को बाहर लाया गया है.

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