बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले सीट बंटवारे को लेकर पेच फंसा हुआ है. जेडीयू चाहती है कि बीजेपी जल्द से जल्द इस मुद्दे पर फैसला करे, लेकिन फिलहाल उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
पटना. बिहार में एनडीए और उसकी सहयोगी पार्टियों के बीच सीट बंटवारे का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है. जेडीयू के करीबी सूत्रों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि फिलहाल बीजेपी की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं है, लेकिन वह चाहते हैं कि वह ही इस बारे में कोई फैसला करे. उन्होंने बीजेपी से चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह 2019 लोकसभा चुनावों को 2014 समझने की भूल न करे.
जब पूछा गया कि कितनी सीटों पर वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं तो पार्टी सूत्रों ने कहा कि जेडीयू ने कोई नंबर तय नहीं किए हैं. पार्टी सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि सभी दल एक साथ बैठें और सीटों के बंटवारे का फैसला करें.
यह बयान बीजेपी के एक नेता की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी उन सभी 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जिस पर उसने 2014 के लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की थी. ससाराम में मीडिया से बातचीत में बिहार बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र सिंह ने कहा था कि हम बिहार के उन सभी क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेंगे, जिन पर पार्टी ने पिछले आम चुनावों में जीत हासिल की थी.
बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 2019 लोकसभा चुनावों की तैयारी भी शुरू कर दी है और मुझे उम्मीद है कि एनडीए उम्मीदवार बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेंगे.
जब पूछा गया कि अगर सत्ताधारी पार्टी ने सीट बंटवारे को लेकर उप चुनावों के नतीजे दिखाए तो जेडीयू ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए इस तथ्य को बकवास करार दिया. सूत्रों ने कहा कि लोगों का मूड बदल चुका है और उन्हें समझना चाहिए कि यह 2019 है 2014 नहीं.
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