पटना: बिहार सरकार ने होमगार्ड डीजी शोभा आहोटकर और IG विकास वैभव विवाद में बड़ा एक्शन लिया है. अब प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने सोमवार को 2009 बैच की IPS अधिकारी DIG विनोद कुमार और 2003 बैच के IPS अधिकारी IG विकास वैभव को उनके पद से हटा दिया है. दोनों ही अधिकारियों को […]
पटना: बिहार सरकार ने होमगार्ड डीजी शोभा आहोटकर और IG विकास वैभव विवाद में बड़ा एक्शन लिया है. अब प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने सोमवार को 2009 बैच की IPS अधिकारी DIG विनोद कुमार और 2003 बैच के IPS अधिकारी IG विकास वैभव को उनके पद से हटा दिया है. दोनों ही अधिकारियों को पद से हटाने के बाद वेटिंग फॉर पोस्टिंग में रखा गया है. गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की है. अब पद से हटाए गए दोनों अधिकारियों को बिहार पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया है. गौरतलब है कि महज कुछ दिनों पहले ही पूर्व IG विकास वैभव ने DG शोभा आहोटकर से खुद को जान का ख़तरा बताते हुए पद से खुद को मुक्त करने का अनुरोध किया था.
बता दें, दोनों अधिकारियों के बीच काफी समाय से विवाद जारी था जहां IG विकास वैभव ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र पत्र में उन्होंने खुद को पद से मुक्त करने का अनुरोध किया था. पत्र में DG शोभा आहोटकर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी. उनपर गाली देने और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया गया था. गोरतलब है कि IG वैभव ने इस शिकायत से संबंधित एक फेसबुक पोस्ट भी शेयर किया था जो काफी वायरल भी हुआ था. मामला बढ़ने के बाद राज्य सरकार को भी इसमें कूदना पड़ा.
बता दें कि अपर मुख्य सचिव को आईजी विकास वैभव ने 4 पन्ने की चिट्ठी लिखते हुए बताया कि उन्हें अपने कार्यकाल के पहले महीने में ही पता चल गया था कि डीजी मैडम अभद्र भाषा का प्रयोग करती है। मेरी पत्नी के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी करती हैं। उनके इस बर्ताव के कारण मैं बेहोश भी हो गया था। जिसके बाद 45 मिनट बाद होश आया। आईपीएस विकास वैभव ने यह भी आरोप लगाया है कि उनको और दूसरे अफसरों को बिहारी बोलकर अपमानित किया जाता है और मैडम कहती हैं कि बिहारी कामचोर होते हैं।
आईजी विकास वैभव ने आगे अपने पत्र में लिखा है कि डीजी मैडम ने उन्हें सबके सामने तीन बार ब्लडी आईजी कहा है। साथ ही डीआईजी विनोद कुमार को सबके सामने इंसल्ट करके गेट आउट बोलकर कक्ष से बाहर निकाल दिया गया। मैडम हर बैठक में मुझे अपमानित करती है। मेरे खिलाफ असंसदीय और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करती है। यह मेरे जैसे कर्तव्यनिष्ठ और उत्तरदायी व्यक्ति के लिए मानसिक प्रताड़ना है। उनके साथ काम करना खतरे से कम नहीं है इसलिए मुझे किसी अन्य विभाग में भेजा जाए। साथ ही तत्काल दो हफ्ते की छुट्टी दी जाए।
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