पटना : जनता हमेशा आरोप लगाती है कि सरकारी कर्मचारी काम नहीं करते है. ऐसा ही मामला बिहार से आया है. बिहार में सरकारी डॉक्टर काफी दिनों से ड्यूटी से गायब है उनपर अब सरकार कार्रवाई करने जा रही है. बिहार की राजधानी पटना प्रमंडल से लगभग 60 से अधिक डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आ […]
पटना : जनता हमेशा आरोप लगाती है कि सरकारी कर्मचारी काम नहीं करते है. ऐसा ही मामला बिहार से आया है. बिहार में सरकारी डॉक्टर काफी दिनों से ड्यूटी से गायब है उनपर अब सरकार कार्रवाई करने जा रही है. बिहार की राजधानी पटना प्रमंडल से लगभग 60 से अधिक डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आ रहे है. इन सभी डॉक्टरों को नोटिस भेजा गया है. अगर डॉक्टर समय पर जवाब नहीं दिए तो इनको नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है.
पटना प्रमंडल के डॉक्टरों को दिया गया नोटिस
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पटना प्रमंडल के डॉक्टर पिछले 5 सालों से ड्यूटी पर नहीं आ रहे है. सरकार ने इन डॉक्टरों को पहले भी नोटिस दिया था लेकिन किसी डॉक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया था. इस बार सरकार ने स्पष्ट कहा कि अगर डॉक्टर स्पष्टीकरण नहीं देते है तो नौकरी से निकाल दिया जाएगा. कुछ समय पहले विभाग ने सालों से अनुपस्थित चल रहे डॉक्टरों को नौकरी से निकाल दिया है.
कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा मंत्रिमंडल के सभी सदस्य शामिल हुए. जिसमें कुछ अहम फैसलों पर मुहर लगी. उनमें से एएनएम बहाली को लेकर लिया गया ये फैसला अहम माना जा रहा है. पहले एएनएम की बहाली जिला स्तर पर होती थी. अब नई नियमावली के अनुसार यह राज्य स्तर पर की जाएगी.
बिहार में एएनएम की बहाली प्रक्रिया में बड़ा परिवर्तन किया गया है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पटना में बिहार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता यानी एएनएम (Auxiliary Nursing Midwifery) की नियुक्ति अब लिखित परीक्षा के साथ होगी. नीतीश कुमार कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी मिल गई है. कैबिनेट के फैसले के बाद अब एएनएम की बहाली लिखित परीक्षा से होगी. साथ ही कैबिनेट की बैठक में बिहार महिला कार्यकर्ता संवर्ग नियमावली 2018 को निरस्त कर दिया गया है.
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