पटना. बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने एससी/एसटी वर्ग के कर्मचारियों को नौकरी के प्रमोशन में आरक्षण देने का फैसला किया है. यह फैसला एक विशेष याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जून और 17 मई के पारित आदेशों के संदर्भ में केंद्रीय कार्मिक एंव प्रशिक्षण विभाग से मिली सलाह के बाद लिया गया है. हालांकि ये सभी प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट के आदेश मिलने के तहत किया जाएगा.
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, बीते 27 जून को राज्य स्तर के उच्च अधिकारियों की मींटिग के बाद इस फैसले पर मुहर लगाई गई थी. बता दें कि बीते 5 जून को संविधान पीठ का निर्णय आने तक सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी वर्ग के लोगों को प्रमोशन में आरक्षण देने पर लगी रोक हटा दी थी. उस दौरान केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब तक इस मामले पर संविधान पीठ का अंतिम फैसला नहीं आता है, तब केंद्र सरकार पदोन्नति में आरक्षण दे सकती है.
कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पक्ष रख रहे एएसजी मनिंदर सिंह ने कहा था कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कर्मंचारियों को प्रमोशन दे. अलग-अलग हाईकोर्ट में दिए गए फैसलों की वजह से ये पदोन्नति रुकी हुई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय लेते हुए दूसरे सभी केसों को एक कर दिया, जिसकी सुनवाई
संविधान पीठ कर रही है. बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार का यह फैसला उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव 2018 में फायदा पहुंचाता नजर आ सकता है.
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