पटना। बिहार की सियासी गलियारों में इस समय एक ही सवाल है कि आज क्या कोई ‘खेला’ होगा? नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार को आज यानी सोमवार को बहुमत साबित करना है। विधानसभा में मौजूदा समीकरण के मुताबिक, नीतीश कुमार-बीजेपी(BJP) और हम (HAM) गठबंधन के पास अभी पूर्ण बहुमत है। हालांकि, आरजेडी (RJD), कांग्रेस (Congress) तथा लेफ्ट गठबंधन का कहना है कि बिहार में ‘खेला’ होगा और नीतीश कुमार फ्लोर टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे।
क्या है सरकार का समीकरण?
दरअसल, जेडीयू की मीटिंग में तीन विधायक सुदर्शन कुमार सिंह, बीमा भारती और दिलीप रॉय नहीं पहुंचे थे। बिहार विधानसभा में कुल 243 विधायक हैं और बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों की आवस्यकता है। इनमें भाजपा के 78, जेडीयू के 45, जीतन राम मांझी की पार्टी हम के चार तथा एक निर्दलीय विधायक सरकार के साथ हैं। ऐसे में एनडीए गठबंधन में सीटों की कुल संख्या 128 हो जाती है।
क्या है महागठबंधन का गणित?
वहीं विपक्ष में आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट ने जीतन राम मांझी पर डोरे डाले हैं। ऐसे में यदि जीतन राम मांझी यू-टर्न लेते हैं तो बिहार में सरकार पर संकट आ सकता है। हालांकि, जीतन राम मांझी का साफ-साफ कहना है कि वो एनडीए के साथ ही रहने वाले हैं। बिहार में एक विधायक सुमित सिंह निर्दलीय हैं और नीतीश कुमार ने उनको मंत्री बनाया है। अगर वो अपना समर्थन वापस लेते हैं तो विधायकों की संख्या 120 हो जाएगी। बता दें कि महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं। इनमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19 तथा लेफ्ट के 16 विधायक हैं। वहीं एक सीट एआईएमआईएम की है।