पटना: 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में विश्वास मत तो हासिल कर लिया था, लेकिन उस दिन जेडीयू के दो विधायक डॉ. संजीव कुमार और बीमा भारती लेट से पहुंचे थे, जबकि विधानसभा में जेडीयू विधायक दिलीप राय नहीं आए थे. इस मामले में विधायकों के खरीद फरोख्त […]
पटना: 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में विश्वास मत तो हासिल कर लिया था, लेकिन उस दिन जेडीयू के दो विधायक डॉ. संजीव कुमार और बीमा भारती लेट से पहुंचे थे, जबकि विधानसभा में जेडीयू विधायक दिलीप राय नहीं आए थे. इस मामले में विधायकों के खरीद फरोख्त करने के मामला भी सामने आया था. वहीं पटना के कोतवाली थाने में दस करोड़ रुपए की ऑफर दिए जाने की बात पर जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने मामला दर्ज कराया था. अब इस मामले की जांच ईओयू कर रही है।
ईओयू की टीम इस बात की जांच कर रही है कि किसने कितने रुपए दिए थे और कहां से वह पैसा आया है? इस मामले में जेडीयू के विधायक डॉ. संदीप कुमार और तेजस्वी यादव के करीबी ठेकेदार सुनील कुमार पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
सुधांशु शेखर ने बुधवार को विधानसभा में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि सरकार को गिराने के लिए बड़ा ऑफर दिया गया था. उन्होंने कहा कि यह सभी लोग जानते हैं और सच बात है. इंटरनेट के माध्यम से हमें भी कॉल आया था जिसमें विधायकों को पांच-पांच करोड़ के साथ मंत्री पद का ऑफर दिया गया था. वहीं सुधांशु शेखर ने बताया था कि इंटरनेट के माध्यम से हमें कॉल आया कि आपसे मिलना चाहते हैं. हमने उसे समय नहीं दिया तो बार-बार कॉल करके वह परेशान कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि हमने कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाई. उन्होंने आगे कहा कि इसमें पुलिस जांच करेगी क्या है? इसमें हमारे विधायक ही क्यों ना हो हर बिंदु पर जांच होगी।
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