पटना, बिहार में रविवार एक बार फिर पेपर लीक होने की घटना सामने आयी. इस बार पेपर बीपीएससी का था. जहां बिहार लोग सेवा आयोग ने पेपर लीक होने के मामले की जांच के लिए अब तीन सदस्यी एक कमेटी का गठन भी कर दिया है. वहीं अब इस पूरे मामले पर बिहार विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अब बिहार लोक सेवा आयोग पेपर लीक मामले में अपना एक ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने बोर्ड पर तंज किया है. जहां उन्होंने अपने इस ट्वीट में लिखा, ‘बिहार के करोड़ों युवाओं और अभ्यर्थियों का जीवन बर्बाद करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर अब “बिहार लोक पेपर लीक आयोग” कर देना चाहिए।’ वहीं छात्रों ने भी इस संबंध में अब चिंता जताई है.
एक समाचार एजेंसी द्वारा परीक्षार्थियों से मौके पर बात की गई. जिसमें बीपीएससी की परीक्षा में प्रतिभागी रहे बृजेश कुमार जायसवाल बताते हैं कि जब उन्हें पता चला कि बीपीएससी जैसी परीक्षाओं में भी पैसे का लेनदेन हो रहा है, तो ऐसा सुनकर छात्रों का मनोबल टूटता है. उनका भी मनोबल टूट रहा है. उन्हें भी समझ में नहीं आ रहा कि यदि यह सच होता है तो वे कहां और किससे कहने जाएं? वहीं, बीपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए छात्र प्रणव कुमार कहते हैं, “जब पीसीएस जैसी परीक्षाओं का पेपर लीक हो जा रहा तो अब कहने को क्या बाक़ी है? यही सुशासन चल रहा है नीतीश कुमार का बिहार में कि एक परीक्षा सही से नहीं हो पा रही.”
बिहार प्रशासनिक सेवा यानी बीपीएससी की परीक्षा रविवार 8 मई को होने जा रही थी. बिहार में बीपीएससी की यह 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (पीटी की परीक्षा) है. इसी बीच बिहार के कई ज़िलों में पेपर लीक होने की खबर सामने आयी है. सोशल मीडिया पर इन प्रश्नपत्रों की तस्वीर पहले से ही वायरल हो रही थी. जानकारी के मुताबिक वायरल हो रही तस्वीर परीक्षापत्र के C सेट की हैं. परीक्षा ख़त्म होने के पश्चात जब इन प्रश्नपत्रों का मिलान किया गया तो सभी प्रश्न सामान पाए गए. इसके बाद डीएम-एसपी सहित वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे.
बिहार के कई जिलों में बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा ली जानी थी. इस परीक्षा में राज्य और अंतर्राज्यीय स्तर पर कई छात्र भाग लेने वाले थे. जहां शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 6 लाख थी. इस परीक्षा को आयोजित करने के लिए राज्य के 38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. बिहार की राजधानी पटना में ही अकेले 83 केंद्रों पर 55710 परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे थे. किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचने के लिए पहले ही सभी परीक्षा स्थलों पर मजिस्ट्रेट और दंडाधिकारी की नियुक्ति की गई थी. फिलहाल इस परीक्षा धांधली को लेकर बीपीएससी की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.
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