पटना: बिहार बोर्ड 10वीं परीक्षा देने आई रुक्मिणी की कहानी सुनेंगे तो आप भी उसके हौसले की दात देंगे. प्रसव पीड़ा भी उसका हौसला डिगा नहीं सका. जहां अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के महज 3 घंटे के भीतर ही वह अस्पताल से अपना 10वीं का एग्ज़ाम देने पहुंच गई. बिहार बोर्ड 10वीं की […]
पटना: बिहार बोर्ड 10वीं परीक्षा देने आई रुक्मिणी की कहानी सुनेंगे तो आप भी उसके हौसले की दात देंगे. प्रसव पीड़ा भी उसका हौसला डिगा नहीं सका. जहां अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के महज 3 घंटे के भीतर ही वह अस्पताल से अपना 10वीं का एग्ज़ाम देने पहुंच गई. बिहार बोर्ड 10वीं की परीक्षा देने पहुंची रुक्मिणी का कहना है, ‘वक्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमां, हम अभी से क्यूं बताएं क्या हमारे दिल में है…’ बिस्मिल अज़ीमाबादी (उर्दू कवि) की ये लाइनें उनकी कहानी पर सटीक बैठती है. आइए जानते हैं पूरी कहानी.
बता दें, 14 फरवरी से बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं यानी मैट्रिक परीक्षाएं शुरू हो गई थीं. राज्य भर से लगभग 16 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल होने आए. इन्हीं छात्रों के बीच से कुछ ऐसी कहानियां भी निकलकर सामने आ रही हैं जो सोचने पर मजबूर कर रही हैं. इन्हीं में से एक है, बांका जिले के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली रुक्मिणी कुमारी (22) . आज रुक्मिणी पूरे राज्य के छात्रों के लिए मिसाल बन गई है. आज पूरा देश उसके हौसले को सलाम कर कहा है जो एकदम विषम परिस्थितयों में परीक्षा देने पहुंची.
दरअसल मैट्रिक की परीक्षा दे रही रुक्मिणी ने परीक्षा के दिन ही सुबह बच्चे को जन्म दिया था. लेकिन यह स्थिति भी उसे परीक्षा देने से रोक नहीं पाई. वह साइंस का पेपर देने एग्जाम सेंटर तक पहुंच गई. सेंटर तक वह एम्बुलेंस से पहुंची और उसने परीक्षा दी. परिवार के सदस्यों और डॉक्टरों ने उसे प्रसव के बाद आराम करने के लिए कहा, लेकिन उसने इनकार कर दिया। और वह परीक्षा देने के लिए पहुंच गई. रुक्मिणी के एंबुलेंस से एग्जाम सेंटर पहुंचने पर हर कोई हैरान रह गया और इस कहानी की चर्चा होने लगी.
वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी पवन कुमार ने मीडिया को बताया कि “इस घटना से साबित होता है कि महिलाओं की शिक्षा पर सरकार का जोर पकड़ रहा है. अनुसूचित जाति से आने वाली रुक्मिणी सभी के लिए प्रेरणा बन गई हैं.”
बता दें 14 फरवरी से 22 फरवरी, 2023 के बीच बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं की थ्योरी परीक्षा आयोजित की जा रही हैं. इन परीक्षाओं के लिए राज्य भर में 1500 एग्जाम सेंटर्स बनाए गए हैं. इन एग्जाम सेंटर्स पर 16 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स परीक्षा देने के लिए शामिल हो रहे हैं.सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम के बीच परीक्षा दिलवाई जा रही है जहां चीटिंग के डर से छात्रों को जूते और मोज़े भी पहनकर परीक्षा नहीं देने दिया जा रहा है.
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