आबकारी नीति मामले में बड़ा अपडेट, CBI कस्टडी में रहेगा ये आरोपी

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के मामले में गिरफ्तार किए गए चार्टर्ड एकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंटला को राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने पेश किया. CBI ने बुधवार को हैदराबाद से चार्टर्ड एकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंटला को गिरफ्तार किया है. इस मामले को लेकर कोर्ट ने आरोपित बुचिबाबू गोरंटला को 11 फरवरी तक […]

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आबकारी नीति मामले में बड़ा अपडेट, CBI कस्टडी में रहेगा ये आरोपी

Vivek Kumar Roy

  • February 8, 2023 5:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के मामले में गिरफ्तार किए गए चार्टर्ड एकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंटला को राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने पेश किया. CBI ने बुधवार को हैदराबाद से चार्टर्ड एकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंटला को गिरफ्तार किया है. इस मामले को लेकर कोर्ट ने आरोपित बुचिबाबू गोरंटला को 11 फरवरी तक CBI की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है.

CBI के अनुसार दिल्ली आबकारी नीति मामले में CBI ने शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भूमिका और हैदराबाद स्थित थोक और खुदरा लाइसेंसधारियों और उनके लाभार्थी मालिकों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने के आरोप में हैदराबाद स्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट बुचिबाबू गोरांटला को गिरफ्तार किया गया है. आपको बता दें कि इस मामले में जांच एजेंसी द्वारा दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया है और उनसे पूछताछ भी की गई है.

उधर ED ने आज दिल्ली की आबकारी नीति में अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंजाब के व्यवसायी गौतम मल्होत्रा को गिरफ्तार किया है.

 

कुछ और समय के लिए बढ़ने की है संभावना

दिल्ली सरकार के निगमों द्वारा खुदरा शराब व्यापार से संबंधित मौजूदा आबकारी नीति को कुछ और समय के लिए बढ़ाए जाने की संभावना जताई जा रही है. क्योंकि नई आबकारी नीति अभी तैयार नहीं हुई है. दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को रद्द कर दिया है और इसे लागू किए जाने में अनियमितता के आरोपों पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा CBI से जांच की सिफारिश करने के बाद 31 अगस्त, 2022 के अपने आदेश को उसने वापस भी ले लिया है.

पुरानी आबकारी नीति पर लौटने के साथ सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 के तहत अपने 4 नगर निगमों को शराब की दुकान खोलने की अनुमति दी. नई नीति बनाने के लिए 3 सदस्यीय समिति बनाई गई है. जबकि नगर निगमों को पिछले वर्ष 1 सितंबर से 6 महीने तक शराब की दुकान खोलने एवं चलाने की जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि प्रधान सचिव (वित्त) की अध्यक्षता वाली समिति ने सरकार को अभी अपनी रिपोर्ट नहीं दी है. जबकि 6 महीने की वह अवधि 28 फरवरी को ही समाप्त हो रही है. जिसके वजह से पुरानी आबकारी व्यवस्था को संचालित करने की अनुमति दी गई थी.

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