लखनऊ: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ के लिए जासूसी करने वाले शैलेन्द्र कुमार चौहान उर्फ शैलेष की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस ने हनी ट्रैप से जुड़े जासूसी मामलों की पड़ताल तेज कर दी है। देश की सुरक्षा एजेंसियां अब तक तमाम ऐसे मामलों का खुलासा कर चुकी हैं, जिनमें यह बात सामने आई है कि […]
लखनऊ: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ के लिए जासूसी करने वाले शैलेन्द्र कुमार चौहान उर्फ शैलेष की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस ने हनी ट्रैप से जुड़े जासूसी मामलों की पड़ताल तेज कर दी है। देश की सुरक्षा एजेंसियां अब तक तमाम ऐसे मामलों का खुलासा कर चुकी हैं, जिनमें यह बात सामने आई है कि आईएसआई हनी ट्रैप में फंसाकर जासूस बना रही है। बता दें कि अदालत ने शैलेंद्र की सात दिनों की रिमांड मंजूर कर दी है।
बुधवार को एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में सेना में पोर्टर के तौर पर काम कर चुके शैलेन्द्र से जुड़ी जांच अब व्यापक दायरे में हो रही है। हरलीन कौर और प्रीति के फेक नाम से सक्रिय पाक हैंडलर को उपलब्ध कराई गई जानकारियों की जांच कराई जा रही है। बता दें कि इससे पहले सेना के जवान और वैज्ञानिक तक आईएसआई के हनी ट्रैप में फंस चुके हैं। बता दें कि हनी ट्रैप में फंसने के बाद वे लोग कभी ब्लैकमेल होते हैं तो कभी पैसे के लालच में आकर जासूसी करते हैं। एटीएस को जासूसी के बदले शैलेन्द्र के खाते में पैसे भेजे जाने के भी सबूत मिले हैं।
वर्ष 2018 में एटीएस ने बीएसएफ के एक जवान को नोएडा से गिरफ्तार किया था, जो आईएसआई को हनी ट्रैप में फंसकर सेना की जानकारियां दे रहा था। फेसबुक पर उसकी पाकिस्तान की जिस महिला से दोस्ती हुई थी, वह आईएसआई के लिए काम करती थी। वर्ष 2019 में इसी तरह यूपी एटीएस के इनपुट पर मिलिट्री इंटेलीजेंस ने झांसी और महराष्ट्र से दो सैन्यकर्मियों को गिरफ्तार किया था। दोनों हनी ट्रैप में फंसकर आईएसआई को सेना की जानकारी दे रहे थे। जांच में पता चला कि दोनों को भुज के दो व्यक्तियों से पैसे भी मिल रहे थे।