देहरादून: उत्तराखंड में हाल ही में एक बड़ी घटना ने राज्य के आईटी सिस्टम को पूरी तरह ठप कर दिया, जिससे सरकारी कामकाज पर भारी असर देखने को मिला। बता दें, साइबर हमले के चलते सीएम हेल्पलाइन, भूमि रजिस्ट्री और ई-ऑफिस जैसे अहम प्लेटफार्म बंद हो गए, जिससे प्रशासनिक गतिविधियां बाधित हो गईं। इस कारण […]
देहरादून: उत्तराखंड में हाल ही में एक बड़ी घटना ने राज्य के आईटी सिस्टम को पूरी तरह ठप कर दिया, जिससे सरकारी कामकाज पर भारी असर देखने को मिला। बता दें, साइबर हमले के चलते सीएम हेल्पलाइन, भूमि रजिस्ट्री और ई-ऑफिस जैसे अहम प्लेटफार्म बंद हो गए, जिससे प्रशासनिक गतिविधियां बाधित हो गईं। इस कारण सचिवालय समेत कई सरकारी कार्यालयों में पूरे दिन कोई कामकाज नहीं हो सका।
हमले का असर इतना गंभीर था कि स्टेट डाटा सेंटर और यूके स्वान जैसी प्रमुख सेवाएं भी प्रभावित हुईं। इस साइबर हमले की वजह से 90 सरकारी वेबसाइट बंद हो गईं, जिनमें ‘अपुणि सरकार’ और सीएम हेल्पलाइन शामिल हैं। ये वेबसाइटें नागरिकों को 800 से अधिक सेवाएं प्रदान करती थीं, लेकिन हमले के बाद पूरा सिस्टम ठप हो गया। वहीं ई-ऑफिस, जो सचिवालय और बाकी सरकारी विभागों में फाइलों को डिजिटल तरीके से प्रबंधित करने के लिए इस्तेमाल होता है, उसने भी काम करना बंद कर दिया। इससे सचिवालय में कई फाइलें पेंडिंग हो गईं और जिन जिलों में ई-ऑफिस लागू था, वहां भी प्रशासनिक कार्य रुक गए।
हमले की खबर मिलते ही आईटी सचिव नितेश झा और आईटीडीए निदेशक नितिका खंडेलवाल तुरंत अपनी टीम के साथ सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) पहुंचे। विशेषज्ञों की टीम दिनभर इस वायरस से निपटने और सेवाओं को बहाल करने में लगी रही, लेकिन शाम तक सभी वेबसाइटें दोबारा नहीं हो सकीं। इस दौरान यूके स्वान को अस्थायी रूप से चालू किया गया, लेकिन स्टेट डाटा सेंटर से जुड़ी बाकी सेवाएं बंद रहीं।
इतना ही नहीं साइबर हमले के कारण जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान लोग सीएम हेल्पलाइन और ‘अपुणि सरकार’ जैसी सेवाओं का इस्तेमाल करने में असमर्थ रहे, जिससे उनके कई काम अटक गए। वहीं साइबर हमले के कारणों की जांच की जा रही है। आईटी सचिव नितेश झा ने कहा कि विशेषज्ञों की टीम जल्द से जल्द सेवाओं को बहाल करने के प्रयास कर रही है।
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