रायपुर: छत्तीसगढ़ में कुछ ही समय में विधानसभा चुनाव होने हैं जिससे पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव खेल दिया है. टीएस सिंहदेव को राज्य के नए उपमुख्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है. कुछ महीने पहले बड़ा बदलाव पार्टी ने ये बड़ा फेरबदल उस समय किया है जब इस साल नवंबर-दिसंबर में राज्य में […]
रायपुर: छत्तीसगढ़ में कुछ ही समय में विधानसभा चुनाव होने हैं जिससे पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव खेल दिया है. टीएस सिंहदेव को राज्य के नए उपमुख्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है.
पार्टी ने ये बड़ा फेरबदल उस समय किया है जब इस साल नवंबर-दिसंबर में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जानकारी दी कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है. टीएस सिंहदेव को लेकर कहा जाता है कि वह पार्टी के वफादार नेताओं में से एक हैं जिनकी गिनती कुशल प्रशासकों में होती है. नियुक्ति पर किसी वेणुगोपाल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के तौर पर राज्य को उनकी सेवाओं का लाभ मिलेगा. वह आगे कहते हैं कि हमें भरोसा है कि राज्य के लोग खरगे और राहुल गांधी के नेतृत्व में इस बार कांग्रेस को भारी बहुमत देंगे.
हैं तैयार हम.
महाराज साहब को उपमुख्यमंत्री के रूप में दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ. @TS_SinghDeo pic.twitter.com/1sRZqsEU2W— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 28, 2023
दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री नियुक्त होने के बाद टीएस सिंहदेव ने भी ख़ुशी जाहिर की है और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का आभार भी जताया है. उन्होंने आगे सभी को लेकर आगे बढ़ने की बात कही है और आगे आश्वासन दिया है कि सीमित समय के भीतर चुनाव होने तक सभी कामों को पूरा कर लिया जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी टीएस सिंहदेव को बधाई देते हुए कहा कि ‘. महाराज साहब को उपमुख्यमंत्री के रूप में दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं.’
दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता डॉ. रमन सिंह ने टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने को लेकर तंज कस्ते हुए कहा कि ‘डूबने लगी कश्ती तो कप्तान ने कुछ यू किया. सौंप दी है पतवार आधी दूसरे के हाथ में. बाकी चार महीने के लिए महाराज जी को बधाई.’ माना ये जा रहा है कि सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच सीएम की कुर्सी को लेकर जंग छिड़ी हुई थी. इसके बाद ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला तय होने के बाद जब उनके सिर सीएम का ताज नहीं सजा तो वह नाराज़ हो गए. कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी नाराज़गी को दूर करने के लिए उन्हें डिप्टी सीएम पद सौंपा गया है.