भाजपा नेता प्रवीण नेतारू हत्याकांड में एनआईए ने कर्नाटक में 16 जगहों पर छापेमारी की है. यह कार्रवाई हत्या के कारणों और इसके पीछे के संबंधों का पता लगाने के लिए की गई है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने बीजेपी नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्या के मामले में कर्नाटक में 16 जगहों पर छापेमारी की है. अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की जांच से पता चला है कि हमले का उद्देश्य समाज के एक वर्ग में आतंक पैदा करना था. 4 अगस्त 2022 को जांच अपने हाथ में लेने वाली एनआईए ने अभी तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया है और 21 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है. एजेंसी अन्य फरार लोगों की तलाश में जुटी है. एनआईए ने दक्षिण कन्नड़, चिकमगलूर, मैसूर और अन्य इलाकों में छापेमारी की. इस छापेमारी का उद्देश्य डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज और अन्य सामग्री जब्त करना था.
एनआईए ने 20 जनवरी 2024 को अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें एनआईए ने कहा कि पीएफआई ने अपने कथित दुश्मनों को मारने के लिए गुप्त हिट स्क्वॉड या सेवा टीम बनाई थी. एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि कोडागु जिले का निवासी थुपैल, एमएच जिले में पीएफआई की सेवा टीमों का प्रभारी था और एक पीएफआई मास्टर ट्रेनर भी था, जो कन्नूर जिले में प्रतिबंधित संगठन के कैडरों को लगातार प्रशिक्षण दे रहा था. इसमें हथियार का ट्रेनिंग भी शामिल था. एनआईए की जांच के मुताबिक कर्नाटक के कोडागु और मैसूरु जिलों और तमिलनाडु के इरोड जिले में नेट्टारू के तीन हमलावरों को शरण दी थी.
केंद्रीय एजेंसी ने पाया था कि हत्या मामले का मुख्य आरोपी मोहम्मद जाबिर पीएफआई का पुत्तूर जिला अध्यक्ष था और उसने साजिश की बैठक में सक्रिय रूप से भाग लिया था, जहां नेट्टारू की भर्ती करने और उसे मारने का निर्णय लिया गया था. बता दें कि मामले में अभी तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
आपको बता दें कि जुलाई 2022 में दक्षिण कन्नड़ जिले के बेल्लारे गांव में भाजपा युवा मोर्चा जिला कार्यकारी समिति के सदस्य प्रवीण नेट्टारू की दो मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने हत्या कर दी थी. हमलावरों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी, जिससे पूरे राज्य में भारी आक्रोश फैल गया था.
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