BHU Professor : बीएचयू प्रोफेसर ने राम-सीता की जगह लगाई अपनी और पत्नी की तस्वीर, ABVP छात्रों ने किया हंगामा

BHU Professor नई दिल्ली, BHU Professor बीएचयू के एक असिस्टेंट प्रोफेसर के कैलेंडर ने इन दिनों विवाद खड़ा कर दिया है. इस कैलेंडर में लगी फोटो में प्रोफेसर ने भगवान श्री राम की जगह अपनी और देवी सीता की जगह अपनी पत्नी की तस्वीर लगाई है. यूनिवर्सिटी के प्रदर्शन में लगाया गया कैलेंडर बीएचयू के […]

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BHU Professor : बीएचयू प्रोफेसर ने राम-सीता की जगह लगाई अपनी और पत्नी की तस्वीर, ABVP छात्रों ने किया हंगामा

Aanchal Pandey

  • February 16, 2022 8:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

BHU Professor

नई दिल्ली, BHU Professor बीएचयू के एक असिस्टेंट प्रोफेसर के कैलेंडर ने इन दिनों विवाद खड़ा कर दिया है. इस कैलेंडर में लगी फोटो में प्रोफेसर ने भगवान श्री राम की जगह अपनी और देवी सीता की जगह अपनी पत्नी की तस्वीर लगाई है.

यूनिवर्सिटी के प्रदर्शन में लगाया गया कैलेंडर

बीएचयू के विसुअल आर्ट में विवाद तब शुरू हो गया जब विज़ुअल आर्ट के असिस्टेंट प्रोफेसर अमरेश कुमार ने यूनिवर्सिटी की एक प्रदर्शनी में प्रभु श्री राम और माता सीता का एक कैलेंडर लगाया. जहां विरोध की वजह कैलेंडर लगाए जाना नहीं है बल्कि विरोध कैलेंडर में भगवान के चेहरों पर अपना चेहरा लगाना है. ये दो तस्वीरें हैं जिनमे से एक में प्रोफेसर ने अपना चेहरा काल्पनिक देवी सीता के साथ लगाया है जिसमें उन्होंने चश्मा भी लगाया हुआ है. दूसरी तस्वीर में प्रोफेसर ने अपने साथ-साथ देवी सीता के चेहरे पर अपनी पत्नी का भी चेहरा बदला है.

ABVP छात्रों का हो रहा प्रदर्शन

मामलें में एबीवीपी छात्रों ने प्रोफेसर के खिलाफ विरोध और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. जहां छात्रों ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के सिंहद्वार से संगठन का झंडा लहराते हुए जुलूस निकाला. प्रोफेसर के खिलाफ नारेबाजी हुई जिसके बाद छात्रों ने दृश्य संकाय पर धरना शुरू कर दिया. इसी बीच जब संकाय प्रमुख प्रोफेसर हीरालाल प्रजापति अपना पक्ष रखने के लिए छात्रों के बीच आने लगे तो छात्र उग्रता पर उतारू हो गए. छात्रों ने उनकी एक ना सुनी और उत्तेज नारे लगाने लगे.

प्रभु प्रत्येक प्राणी में है – प्रोफेसर

भगवान राम की तस्वीर पर अपना चेहरा लगाने वाले प्रोफेसर ने अपना तर्क रखते हुए बताया, ये चित्र पहली बार किसी प्रदर्शन का हिस्सा नहीं बना है. वर्ष 2011 में दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय प्रदर्शनी में भी ये चित्र इसी प्रकार लगाया जा चुका है. उन्होंने आगे बताया कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को आहात करने का नहीं था. बल्कि वो तो ये कहना चाहते हैं की प्रभु श्री राम तो हर एक प्राणी में विराज करते हैं. प्रत्येक वर-वधु को भी विवाह के समय राम-सीता के सामान ही देखा जाता है.

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