हाथरस कांड के बाद पहली बार पैतृक गांव पहुंचे भोले बाबा, भक्तों का उमड़ा सैलाब

हाथरस कांड के बाद पहली बार सूरज पाल उर्फ भोले बाबा अपने कासगंज स्थित पैतृक गांव बहादुर नगर के आश्रम में पहुंचे। यह उनका जन्म स्थान है।

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हाथरस कांड के बाद पहली बार पैतृक गांव पहुंचे भोले बाबा, भक्तों का उमड़ा सैलाब

Anjali Singh

  • July 17, 2024 8:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

Hathras Stampede: हाथरस कांड के बाद पहली बार सूरज पाल उर्फ भोले बाबा अपने कासगंज स्थित पैतृक गांव बहादुर नगर के आश्रम में पहुंचे। यह उनका जन्म स्थान है। सूरज पाल उर्फ भोले बाबा कासगंज के बहादुर नगर आश्रम में भारी लाव लश्कर के साथ पहुंचे। बहादुर नगर उनका पैतृक गांव है और यहीं से उन्होंने 26 साल पहले अपने सत्संग साम्राज्य का शुभारंभ किया था। भोले बाबा के साथ बड़ी संख्या में उनके भक्त भी आश्रम में मौजूद थे।

प्रशासन की अनुमति के बिना पहुंचे 

भोले बाबा के सेवादारों ने कासगंज के पटियाली के उपजिला अधिकारी और थाना पटियाली से आश्रम में आने की अनुमति और पुलिस फोर्स की मांग की थी। हालांकि, कासगंज जिला और पुलिस प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी। अनुमति न मिलने के बावजूद भोले बाबा अपने आश्रम में पहुंचे और बड़ी संख्या में आए भक्तों से मुलाकात की।

वकील एपी सिंह का बयान

भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने कहा कि लोगों के बड़े सवाल थे कि नारायण साकार हरि कहां हैं। नारायण साकार हरि भारत में ही थे और आश्रम में हैं। वह ना किसी एयरपोर्ट पर गए और ना ही कहीं बेसमेंट में छिपे हैं। यह उनकी जन्मस्थली है और जननी जन्मभूमि से बड़ा कुछ नहीं हो सकता।

हाथरस कांड की घटना

बता दें कि दो जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में भोले बाबा के सत्संग में हुई घटना में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे। भोले बाबा के वकील डॉ. एपी सिंह ने मामले की जांच कर रही कमेटी को शिकायत की कॉपी दी है। वकील एपी सिंह ने घटना को सुनियोजित बताया और दावा किया कि हाथरस घटना में जो लोग घायल हुए हैं, उनमें से कुछ ने साजिशकर्ताओं और उनकी गाड़ी को पहचान लिया है।

भोले बाबा के कासगंज स्थित पैतृक गांव में आगमन ने कई सवाल उठाए हैं। प्रशासन से अनुमति न मिलने के बावजूद उनका आश्रम में पहुंचना और घटना के बारे में वकील एपी सिंह के बयानों ने मामले को और गंभीर बना दिया है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और कैसे इसे सुलझाया जाता है।

 

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