भिवानी: हरियाणा के भिवानी में हुई भयावह घटना इस समय तूल पकड़ रही हैं. इस मामले में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया गया हैं. इनमें से ही एक आरोपी मोनू मानेसर का नाम भी सामने आया. मोनू बजरंग दल का गुरुग्राम संयोजक हैं. बता दें, इस समय मोनू भिवानी मामले में मुख्य […]
भिवानी: हरियाणा के भिवानी में हुई भयावह घटना इस समय तूल पकड़ रही हैं. इस मामले में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया गया हैं. इनमें से ही एक आरोपी मोनू मानेसर का नाम भी सामने आया. मोनू बजरंग दल का गुरुग्राम संयोजक हैं. बता दें, इस समय मोनू भिवानी मामले में मुख्य आरोपी हैं. वह खुद को गौरक्षक भी बताता हैं. पुलिस अब मोनू के खिलाफ सख्त रवैया अपना रही हैं. इसी क्रम में अब पुलिस प्रशासन उसके खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए उसका हथियार लाइसेंस कैंसिल करने की प्रक्रिया शुरु कर दी हैं.
डीसीपी मानेसर ने पुलिस कमिश्नर को लिखा हैं, ‘मोनू मानेसर के हथियार का लाइसेंस कैंसिल किया जाए और उससे हथियार वापस ले लिया जाए. क्योंकि मोनू पर किडनैपिंग के बाद हत्या का आरोप हैं.” डीसीपी मानेसर ने एक समाचार चैनल से बातचीत में बताया कि जिस किसी के पास लाइसेंसी हथियार हो और उस पर अपराधिक मामला दर्ज है तो प्रशासन उसके हथियार का लाइसेंस कैंसल कर सकता है. इसी के तहत मोनू का लाइसेंस भी रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
बता दें कि भिवानी हत्याकांड के बाद मोनू मानेसर का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियों में उसकी कार में पिस्टल और रिवॉल्वर दिखाई दे रही हैं. कार के अंदर और भी लोग बैठे हैं. इन लोगो के हाथ में असलहे दिख रहे हैं. इस वीडियो में वो ‘बदमाश छोरा…’ गाने के बोल पर कार में मस्ती करता दिखा रहा है.
भिवानी कांड के आरोपी श्रीकांत पंडित की मां ने राजस्थान पुलिस पर छापेमारी के दौरान पुलिसकर्मियों पर उनकी प्रेग्नेंट बहू से मारपीट करते हुए उसके पेट पर लात मारने का आरोप लगाया है। लात इतनी तेज मारी गई, जिससे गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई।
बता दें, श्रीकांत पंडित, मोनू मानेसर के उस गौरक्षा ग्रुप का सदस्य है, जिस पर दो लोगों को जिंदा जलाने के आरोप लग रहे हैं। नूंह के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने बाया कि श्रीकांत की मां दुलारी देवी ने शिकायत की है, जिस पर जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस अधीक्षक सिंगला ने बताया कि दुलारी देवी ने अपनी शिकायत में बताया है कि 17 फरवरी को राजस्थान पुलिस की एक टीम ने उनके घर पर छापेमारी की थी। टीम में 40 से ज्यादा पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस वाले जबरन उनके घर में घुस गए और पूछताछ करने लगे। इस दौरान परिवार के लोगों से श्रीकांत के ठिकानों के बारे में पूछा गया और घर पर मौजूद लोगों से मारपीट भी की।
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