पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है. हालांकि, उसकी पहचान और कैसे उसकी मौत हुई इसका अभी ठीक-ठीक पता नहीं चला है. हिंसा तब शुरू हुई जब एक स्थानीय समूह और भीड़ के कुछ सदस्यों के बीच स्मारक की ओर जाने के दौरान किसी मुद्दे पर बहस हुई.
मुंबई: भीमा-कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर भड़की चिंगारी पूरे महाराष्ट्र में फैल रही है. पुणे के पास भीमा-कोरेगांव में मराठा और दलितों के बीच हुई झड़प ने हिंसक रूप ले लिया है. हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई थी, जिसके बाद पूरे राज्य में धीरे-धीरे हिंसा पुणे के बाद मुंबई तक फैली. बता दें कि 200 साल पहले हुई एक लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हराया था. दलित नेता इस ब्रिटिश जीत का जश्न मनाते हैं. ऐसा समझा जाता है कि तब अछूत समझे जाने वाले महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की ओर से लड़े थे. हालांकि, पुणे में कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने इस ‘ब्रिटिश जीत’ का जश्न मनाए जाने का विरोध किया था.
कार्यक्रम में जा रहे लोग और स्थानीय समूह में हुई झड़प
पुलिस ने बताया कि जब लोग गांव में युद्ध स्मारक की ओर बढ़ रहे थे तो शिरूर तहसील स्थित भीमा कोरेगांव में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं. कार्यक्रम में जा रहे लोग और स्थानीय समूह में हुई झड़प एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है. हालांकि, उसकी पहचान और कैसे उसकी मौत हुई इसका अभी ठीक-ठीक पता नहीं चला है. हिंसा तब शुरू हुई जब एक स्थानीय समूह और भीड़ के कुछ सदस्यों के बीच स्मारक की ओर जाने के दौरान किसी मुद्दे पर बहस हुई.
एक समूह द्वारा कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे लोगों पर हमले में कई गाड़ियों को जला भी दिया गया. जानकारी के मुताबिक, कम से कम 40 गाड़ियों को या तो आग के हवाले कर दिया या उन पर पत्थर से मार कर तोड़ दिया गया. बताया जा रहा है कि हमलावर भगवा झंडा लिए हुए थे
भीमा कोरेगांव की सुरक्षा के लिये तैनात एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बहस के बाद पथराव शुरू हुआ. इस कार्यक्रम में दलित नेता एवं गुजरात से नवनिर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवाणी, जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद, रोहित वेमुला की मां राधिका, भीम आर्मी अध्यक्ष विनय रतन सिंह और पूर्व सांसद एवं डा. भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर भी उपस्थित थे. घटना के बाद सभी ने बीजेपी पर आरोप लगा. ग्नेश मेवानी और उमर खालिद के खिलाफ पुणे के डेक्कन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है. शिकायत में कहा गया है कि इन दोनों ने भड़काऊ बयान दिए थे. जिस कारण दोनों समुदायों के बीच विवाद बढ़ा.
क्या बोले सीएम फडणवीस?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट के जज इस जांच की अगुवाई करेंगे. इसके अलावा हिंसा में मारे गए मृतकों को 10 लाख रूपए के मुआवजे का ऐलान भी मुख्यंमत्री ने किया है
क्या है भीम-कोरेगांव की लड़ाई का इतिहास?
भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हराया था. दलित नेता इस ब्रिटिश जीत का जश्न मनाते हैं. ऐसा समझा जाता है कि तब अछूत समझे जाने वाले महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की ओर से लड़े थे. हालांकि, पुणे में कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने इस ‘ब्रिटिश जीत’ का जश्न मनाए जाने का विरोध किया था.