भीमा कोरेगांव हिंसा: दलित संगठनों ने वापस लिया महाराष्ट्र बंद, कई इलाकों में हालात अब भी तनावपूर्ण

महाराष्ट्र में पूणे के नजदीक भीमा कोरेगांव में में दलित शौर्य दिवस के कार्यक्रम के दौरान दक्षिणपंथी संगठन के लोगों ने हमला कर दिया था. जिसके बाद दलित संगठनों ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया था. इस बीच बसों को नुकसान पहुंचाया गया था और स्कूलों को बंद करा दिया गया था. इस महाराष्ट्र बंद को अब वापस ले लिया गया है. हालांकि कुछ इलाकों में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं.

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भीमा कोरेगांव हिंसा: दलित संगठनों ने वापस लिया महाराष्ट्र बंद, कई इलाकों में हालात अब भी तनावपूर्ण

Aanchal Pandey

  • January 3, 2018 6:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

मुंबई. महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में ‘दलित शौर्य दिवस’ के कार्यक्रम के आयोजन में दक्षिणपंथी संगठन के लोगों के हमले के बाद दलितों द्वारा किए गए महाराष्ट्र बंद को वापस ले लिया गया है. हालांकि कई इलाकों में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं. पूर्वी एक्सप्रेसवे को अभी भी बंद रखा गया है. वहीं घाटकोपर में रमाबाई नगर में स्थिति तनावग्रस्त है. प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी थी कि अगर इस इलाके से कोई वाहन गुजरा तो वे उसे आग के हवाले कर देंगे. डॉ. भीमराव आंबेडकर के पोते और एक्टिविस्ट प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि हमने प्रदर्शन वापस ले लिया है. केवल अपना गुस्‍सा प्रकट करने के लिए किया गया हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण था. मुझे विश्वास नहीं है कि इस तरह की बर्बरता की गई. साथ ही उन्होंने कहा कि इस हिंसा को भड़काने वाले दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी न करवाकर भाजपा ने अपनी कब्र खुद ही खोद ली है. बता दें कि प्रकाश आंबेडकर सहित आठ संगठनों ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया था. इस दौरान स्कूलों को भी बंद कर दिया गया था.

दरअसल बीते सोमवार को पूणे के नजदीक भीमा कोरेगांव में ‘दलित शौर्य दिवस’ के एक आयोजन में भगवा दल के हमले के बाद मंगलवार को दलितों के संगठनों ने महाराष्ट्र के कई इलाकों में प्रदर्शन किया था. जबकि बुधवार को इन संगठनों ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया. हिंसा के विरोध में किए गए प्रदर्शन से मुंबई सहित राज्य के कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित नजर आया. कई जगह दलित संगठन प्रदर्शन करते दिखाई पड़े, उन्होंने कई बसों को नुकसान पहुंचाया और दुकानों को भी बंद करवा दिया. मामले में राज्य के अलग- अलग स्थानों से लगभग 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया.

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