नई दिल्ली: लाहौर के शादमान चौक का नाम बदलकर भगत सिंह के नाम किए जाने थे। वहां उनकी प्रतिमा लगाने की योजना को एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी की टिप्पणी के बाद रद्द कर दिया गया है। पंजाब प्रांत की सरकार ने अपने जवाब में कहा कि भगत सिंह स्वतंत्रता सेनानी नहीं बल्कि आज की शब्दों […]
नई दिल्ली: लाहौर के शादमान चौक का नाम बदलकर भगत सिंह के नाम किए जाने थे। वहां उनकी प्रतिमा लगाने की योजना को एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी की टिप्पणी के बाद रद्द कर दिया गया है। पंजाब प्रांत की सरकार ने अपने जवाब में कहा कि भगत सिंह स्वतंत्रता सेनानी नहीं बल्कि आज की शब्दों में कहे तो वो आतंकवादी थे। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने यह जानकारी हाईकोर्ट को दी है।
लाहौर नगर निगम ने लाहौर हाईकोर्ट में एक जवाब में कहा कि शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और उनकी मूर्ति लगाने की प्रस्तावित योजना को सेवानिवृत्त कमोडोर तारिक मजीद के द्वारा दिए गए आपत्तियों के बाद रद्द कर दिया गया है. बात दें कि मजीद ने अपनी टिप्पणिंयों में कहा कि भगत सिंह क्रन्तिकारी नहीं बल्कि अपराधी थे, आज के शब्दों में वह आतंकवादी थे, उन्होंने एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी को मार, और इस अपराध के लिए उन्हों उनके सहयोगीयों के फांसी दी गई।
मजीद ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा कि भगत सिंह धार्मिक नेताओं से प्रभावित थे जो मुसलमानों के खिलाफ थे, भूटे सिंह फाउंडेशन का काम इस्लामिक सिंद्धान्तो और पाकिस्तानी संस्कृति के खिलाफ है, इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। उन्होंने आग यह भी सावल उठाया की क्या इस फाउंडेशन के अधिकारी, जो खुद को मुस्लिम कहते हैं, नहीं जानते कि पाकिस्तान में एक नास्तिक के नाम पर किसी स्थान का नामकरण करना स्वीकार्य नहीं है। इस्लाम मानव की मूर्तियों को मना करता है।
23 मार्च 1931 को लाहौर के शादमान चौक पर ब्रिटिश सरकार ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर लटका दिया था। उस समय यह चौक जेल का हिस्सा था। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव पर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ साजिश रचने और ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी. सॉन्डर्स की हत्या का आरोप था। भगत सिंह की शहादत को आज भी भारतीय उपमहाद्वीप में एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किया जाता है।
यह भी पढ़ें :-
लेक्चर सुनने नहीं आए हैं…, कुर्सी पर बैठते ही तमतमाये CJI ने वकील को हड़का दिया
प्रयागराज में UPPSC के परीक्षार्थियों का विरोध प्रदर्शन, बैरिकेडिंग तोड़ी, पुलिस से हाथापाई